जानिए, कौन थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस, जयंती पर नेशनल हॉलिडे की मांग कर रही हैं सीएम ममता बेनर्जी
जानिए, कौन थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस, जयंती पर नेशनल हॉलिडे की मांग कर रही हैं सीएम ममता बेनर्जी
डिजिटल डेस्क ( भोपाल)। पश्चिम बंगाल में तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में आज राज्य की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने कहा है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी को राज्य में "देश नायक दिवस" मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि "मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि हमने आजादी के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस के लिए कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं किया है। मैंने 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने के लिए केंद्र को पत्र लिखा है। यह मेरी मांग है"।
कौन थे सुभाष चंद्र बोस?
भारत की आजादी की लड़ाई में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का महत्वपूर्ण योगदान था। उन्होंने आजादी की लड़ाई के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा के कटक शहर में हुआ था। बोस 1920 और 1930 के दशक के अंत में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के युवा, कट्टरपंथी विंग के नेता बन गए। उन्होंने आजाद हिंद फौज के नाम से पहला भारतीय सशस्त्र बल बनाया था. उनके प्रसिद्ध नारे "तुम मुझे खून दो, मैं तूम्हें आजादी दूंगा"। कहते हैं कि उनके पिता चाहते थे कि वे आईसीएस बनें। उन्होंने अपने पिता की आईसीएस बनने की इच्छा पूरी की। 1920 की आईसीएस परीक्षा में उन्होंने चौथा स्थान पाया, मगर सुभाष का मन अंग्रेजों के अधीन काम करने का नहीं था, 22 अप्रैल 1921 को उन्होंने इस पद से त्यागपत्र दे दिया।
कहा जाता है कि 1921-1941 की अवधि में पूर्ण स्वतंत्रता के लिए अपने रुख के कारण नेताजी सुभाष चंद्र बोस को विभिन्न जेलों में 11 बार जेल की सजा हुई। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वर्ष 1942 में भारत को अंग्रेजों के कब्जे से स्वतंत्र कराने के लिये आजाद हिन्द फौज या इंडियन नेशनल आर्मी (INA) नामक सशस्त्र सेना का संगठन किया गया। आजाद हिंद फौज के बनने में जापान ने बहुत सहयोग किया था। आजाद हिंद फौज में करीब 85000 सैनिक शामिल थे। इसमें एक महिला यूनिट भी थी जिसकी कैप्टन लक्ष्मी स्वामीनाथन थी।
गृह मंत्रालय के मुताबिक, नेताजी की मौत 18 अगस्त, 1945 को हुई थी। उनकी मौत एक विमान हादसे में हुई थी। तथ्यों के मुताबिक 18 अगस्त, 1945 को नेताजी हवाई जहाज से मंचुरिया जा रहे थे और इसी हवाई सफर के बाद वो लापता हो गए, हालांकि, जापान की एक संस्था ने उसी साल 23 अगस्त को ये खबर जारी कर दी थी कि नेताजी का विमान ताइवान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसके कारण उनकी मौत हो गई,लेकिन इसके कुछ दिन बाद खुद जापान सरकार ने इस बात की पुष्टि की थी कि, 18 अगस्त, 1945 को ताइवान में कोई विमान हादसा नहीं हुआ था। इसलिए आज भी नेताजी की मौत का रहस्य खुल नहीं पाया है।