जगन की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सीबीआई कोर्ट ने आदेश टाला

हैदराबाद जगन की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सीबीआई कोर्ट ने आदेश टाला

Bhaskar Hindi
Update: 2021-08-25 12:30 GMT
जगन की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सीबीआई कोर्ट ने आदेश टाला
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  • जगन की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सीबीआई कोर्ट ने आदेश टाला

डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। सीबीआई अदालत ने बुधवार को भ्रष्टाचार के एक कथित मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका पर अपना आदेश 15 सितंबर तक के लिए टाल दिया। आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के बागी सांसद रघुराम कृष्ण राजू ने जगन की जमानत रद्द करने के लिए याचिका दायर की है।

अदालत उसी दिन राजू द्वारा दायर एक अन्य याचिका पर भी अपना आदेश सुनाएगी, जिसमें जगन के करीबी सहयोगी और वाईएसआरसीपी संसदीय दल के नेता विजय साई रेड्डी की जमानत रद्द करने की मांग की गई थी। जगन की जमानत रद्द करने की याचिका पर जहां दलीलें पहले ही पूरी हो चुकी थीं, वहीं अदालत ने बुधवार को दूसरी याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली।

इससे पहले, सीबीआई अदालत ने 31 जुलाई को अपना फैसला 25 अगस्त तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। नरसापुर के सांसद ने जगन को उनके खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज आय से अधिक संपत्ति के मामले में दी गई जमानत को रद्द करने की मांग की है। राजू ने इस साल अप्रैल में याचिका दायर कर जमानत शर्तो के कथित उल्लंघन के आधार पर जगन की जमानत रद्द करने की मांग की थी।

नरसापुर से लोकसभा सदस्य राजू ने आशंका जताई कि जगन मोहन रेड्डी मामले में गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने निचली अदालत के समक्ष जगन के पेश न होने और छूट की मांग को जमानत की शर्तो का उल्लंघन बताया। राजू ने अपनी याचिका में आरोपी आईएएस अधिकारी वाई. श्रीलक्ष्मी की विशेष मुख्य सचिव और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और सह आरोपी एम. सैमुअल की सरकार के सलाहकार के रूप में नियुक्ति का भी उल्लेख किया है।

सांसद ने अपनी याचिका में कहा है कि चूंकि अभियोजन पक्ष द्वारा क्विड प्रो क्वो मामले में उद्धृत सभी गवाह अब जगन के विषय बन गए हैं, इसलिए वह उन्हें निचली अदालत के समक्ष अपने खिलाफ गवाही नहीं देने के लिए प्रभावित करेंगे। मई 2019 में मुख्यमंत्री बने जगन मुख्यमंत्री के रूप में अपने संवैधानिक कर्तव्यों का हवाला देते हुए साप्ताहिक अदालती पेशियों से छूट की मांग कर रहे हैं।

जगन के खिलाफ आरोप 2004-2009 की अवधि से संबंधित हैं, जब उनके पिता वाई.एस. राजशेखर रेड्डी संयुक्त आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोपों की जांच की कि जगन मोहन रेड्डी ने दूसरों के साथ आपराधिक साजिश में, अपने समूह की कंपनियों में निवेश की आड़ में विभिन्न व्यक्तियों/कंपनियों से रिश्वत प्राप्त की, जो उन्हें दिए गए अनुचित लाभ के लिए क्विड प्रो क्वो के रूप में प्राप्त हुए। तत्कालीन आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा जगन मोहन रेड्डी को मई 2012 में डीए मामले में गिरफ्तार किया गया था, जब वह सांसद थे। वर्ष 2013 में विशेष सीबीआई अदालत ने जगन को 16 महीने जेल में बिताने के बाद सशर्त जमानत दी थी।

 

(आईएएनएस)

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