नेशनल लोक अदालत मे 17 खण्डपीठों द्वारा होगा प्रकरणों का निराकरण

नेशनल लोक अदालत मे 17 खण्डपीठों द्वारा होगा प्रकरणों का निराकरण

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-10 09:00 GMT
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सीधी: दिनांक 12 दिसम्बर को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी के अध्यक्ष वीरेन्द्र प्रताप सिंह के द्वारा 17 खंण्डपीठों का गठन किया गया। न्यायिक अधिकारियों की खंण्डपीठों मे सीधी में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय सीधी सुनील कुमार जैन, प्रथम अपर जिला न्यायाधीश वीरेन्द्र कुमार, द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश आर.पी. कतरौलिया, चतुर्थ अपर जिला न्यायाधीश राजेश सिंह, पंचम अपर जिला न्यायाधीश उमेश कुमार शर्मा, प्रथम अपर जिला न्यायाधीश सीधी के तृतीय अतिरिक्त अपर जिला न्यायाधीश ललित कुमार झा, मुख्य न्यायिक मजिस्टेट विवेक कुमार सिंह न्यायिक मजिस्टेट प्रथम श्रेणी अशोक कुमार त्रिपाठी, श्रीमती मिनी गुप्ता, राहुल सिंह यादव, ,श्रम न्यायाधीश मुकेश कुमार गुप्ता की खण्डपीठों का गठन किया गया है। तहसील मुख्यालय चुरहट में न्यायाधीशगण पुष्पक पाठक, शशांक नन्दन भट्ट, तहसील मुख्यालय रामपुर नैकिन में न्यायाधीशगण कमलेश कुमार कोल, शैलेन्द्र रैकवार तथा तहसील मुख्यालय मझौली में न्यायाधीशगण मुनेन्द्र सिंह वर्मा एवं नीरज कुमार ठाकुर की खण्डपीठों का गठन किया गया है। नेशनल लोक अदालत मे नगरीय निकाय से संबंधित जलकर एवं संपत्तिकर के प्रकरण मुख्य न्यायिक मजिस्टेट विवेक सिंह के खण्डपीठ में निराकरण किये जायेगें तथा एक करोड़ रूपये के मूल्य से कम राशि के बैंक के प्रीलिटिगेशन प्रकरण न्यायाधीश अशोक कुमार त्रिपाठी के खण्डपीठ के द्वारा निराकृत किये जावेंगे। तहसील न्यायालय चुरहट के बैंक एवं नगरीय निकाय के प्रीलिटिगेशन प्रकरण पुष्पक पाठक, मझौली के मुनेन्द्र सिंह एवं रामपुर नैकिन के कमलेश कुमार कोल की खण्डपीठों में निराकृत किये जावेंगे। नेशनल लोक अदालत में नगरीय निकाय, श्रम, बैंक वसूली से संबंधित प्रीलिटिगेशन प्रकरणों के साथ न्यायालयों में लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा। नेशनल लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण होने पर पक्षकारों को आर्थिक हानि से बचाव होता है तथा जटिल न्यायालयीन प्रक्रिया से छुटकारा प्राप्त होता है। नेशनल लोक अदालत मे चेक बाउंस के प्रकरणों मे राजीनामा करने पर सम्पूर्ण कोर्ट फीस वापसी का प्रावधान किया गया है जिससे परिवादी को चेक की राशि के साथ कोर्ट फीस वापसी का आर्थिक लाभ भी प्राप्त होता है। जिला न्यायाधीश वीरेन्द्र प्रताप सिंह ने जन सामान्य से नेशनल लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण कराने एवं न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग करने की अपील की है।

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