नरभक्षी टी-6 बाघिन ने दिया चार शावकों को जन्म
गड़चिरोली नरभक्षी टी-6 बाघिन ने दिया चार शावकों को जन्म
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। वनविभाग के गड़चिरोली, चातगांव और पोर्ला वन परिक्षेत्र में पिछले एक वर्ष से अपना आतंक फैला रही नरभक्षी बाघिन ने चार दिन पूर्व 4 शावकों को जन्म देने की जानकारी मिली है। बाघिन के हमले में अब तक 7 लोगों की मृत्यु होने के कारण वनविभाग ने इसे तत्काल पकड़ने के आदेश दिए थे। आदेश का पालन करते हुए वनविभाग ने चंद्रपुर जिले के ताड़ोबा और अमरावती जिले के मेलघाट के शॉर्प शूटर्स की टीम को इसे पकड़ने गड़चिरोली बुलाया था, लेकिन चार दिन पूर्व ही नरभक्षी बाघिन द्वारा शावकों को जन्म देने से बाघिन को पकड़ने की मुहिम फिलहाल स्थगित कर दी है। शॉर्प शूटर्स की टीम भी अब लौट जाने की जानकारी वनविभाग के सूत्रों ने दी।
यहां बता दें कि, पिछले एक वर्ष की कालावधि में टी-6 नामक नरभक्षी बाघिन ने दर्जनों गांवों में अपनी दहशत निर्माण की है। गड़चिरोली वनविभाग के अमिर्झा, राजगाटा, देलोड़ा, पोर्ला, आंबेशिवणी, मौशीखांब, गोगांव समेत अन्य गांव परिसर के जंगल में बाघिन का संचार है। बाघिन ने अब तक 7 लोगों को मौत के घाट उतारा है। साथ ही दर्जनों मवेशियों को भी निवाला बनाया। लगातार बढ़ रही बाघिन की दहशत के कारण एक माह पूर्व इसे पकड़ने के आदेश वन अमले ने जारी किए थे। लगातार एक माह तक वनविभाग की टीम के साथ शॉर्प शूटर्स की टीम के सदस्यों ने अनेक प्रकार की योजना बनाकर टी-6 बाघिन को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन टीम को सफलता हासिल नहीं हुई। इस बीच 4 दिसंबर को इसी बाघिन ने 4 शावकों को जन्म दिया। दो दिन पूर्व 6 दिसंबर को राजगाटा जंगल परिसर में 4 शावकों के साथ टी-6 बाघिन की तस्वीर ट्रैप कैमरे में दर्ज हुई। वनविभाग के नियमानुसार नवजात शिशुओं की माता बाघिन को पकड़ा नहीं जा सकता। इस कारण कुछ दिनों के लिए बाघिन को पकड़ने की मुहिम स्थगित कर दी है। सारी टीमें अब अपने मुख्यालय लौट गई है। उधर आज भी नरभक्षी बाघिन क्षेत्र में मौजूद होने के कारण ग्रामीणों में दहशतपूर्ण माहौल बना हुआ है।