नाशिक में बिना परमिशन दौड़ाई गई बैलगाड़ियां
अब तक लगा था बैन नाशिक में बिना परमिशन दौड़ाई गई बैलगाड़ियां
डिजिटल डेस्क, नाशिक। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पाबंदी हटाने के बाद शनिवार को नाशिक शहर के ओझर में राज्य की पहली बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन किया गया। बताया जाता है कि प्रतियोगिता के लिये जिलाधिकारी द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने से आयोजकों की मुश्किलें बढ़ गई लेकिन नियमों का पालन करते आयोजन संपन्न हुआ। प्रतियोगिता में शामिल होने के लिये राज्य के विभिन्न इलाकों से किसान अपने बैलों के साथ मौके पर पहुंचे। हजारों प्रेषक उपस्थित हुए। सुबह से ओझर में किसानों के जत्थे देखने मिले। दोपहर के बाद चहुंओर हंगामा छाया रहा। बैल का समावेश पालतू पशुओं में होता है। पालतू पशुओं को दौड और प्रदर्शन में शामिल करने पर पाबंदी है इसलिये अब तक बैलगाड़ी दौड़ पर पाबंदी लगाई गई थी। लेकिन, सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र में आखिरकर बैलगाड़ी दौड़ को नियमों के अनुसार मंजूरी दी। इसके बाद शनिवार को पूर्व विधायक अनिल कदम की पहल पर ओझर में बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन किया गया।
21 हजार रूपये का इनाम
सर्वोच्च न्यायालाय के सभी नियमों और सूचनाओं का पालन करते हुए इस दौड़ का आयोजन करने की जानकारी आयोजक और पूर्व विधायक अनिल कदम ने दी। प्रतियोगिता के विजेता बैलजोड़ी के लिए 21 हजार रुपये का पारितोषिक रखा गया। जिलाधिकारी सूरज मांढरे ने इस दौड़ के लिये अनुमति नही होने की बात कही है। एक ओर राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये नये नियम जारी किये। इसके बाद यह दौड़ हुई। राज्यभर से किसान नाशिक में पहुंचे।