MP चुनाव में मायावती की हूंकार, कहा- BSP सवर्ण गरीबों को आरक्षण देने की पक्षधर है
MP चुनाव में मायावती की हूंकार, कहा- BSP सवर्ण गरीबों को आरक्षण देने की पक्षधर है
डिजिटल डेस्क, बालाघाट। बहुजन समाज पार्टी कर सुप्रीमो मायावती ने आज यहां वारासिवनी के स्टेडियम ग्राउंड में अपरांह साढ़े बारह बजे एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस अपनी कमजोर स्थिति को देखते हुए ये चुनाव गठबंधन के साथ लडऩा चाहती थी; लेकिन कांग्रेस सोची समझी रणनीति व षडयंत्र के तहत गठबंधन में कम सीटे देकर बसपा को कमजोर व खत्म करना चाहती थी। तब पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। अब कांग्रेस बसपा के सर्वोच्च नेतृत्व पर अनर्गल आरोप लगा रही हैं। हमने टिकट बंटवारे में भी सर्व समाज के लोगों को टिकिट दिया है।
कांग्रेस भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप
भीमराव के अथक प्रयासों में जो आरक्षण की सुविधा मिली हैं उसे सभी विरोधी पार्टियां धीरे धीरे खत्म करने में लगी हैं। आरक्षण का कोटा अब तक पूरा नहीं किया है। कांग्रेस व बीजेपी की अंदरूनी मिलीभगत से आदिवासी और दलित नौकरी में पदोन्नति में आरक्षण को प्रभावहीन बना दिया है जिसके लिए हमे कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा हैं। कांग्रेस व भाजपा की मानसिकता के कारण ही अब तक मंडल कमीशन लागू नही किया जा सका हैं। जिसके बाद बसपा के अथक प्रयासों से केंद्र में वी पी सिंह की सरकार बनी। मंडल कमीशन को समर्थन देने के कारण बीजेपी ने इस सरकार को ज्यादा दिनों तक नही चलने दिया। अंबेडकर को भारत रत्न कांग्रेस व बीजेपी ने नही बल्कि वीपी सिंह की सरकार में ही दिया गया।
मंहगाई से सभी वर्ग त्रस्त
सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में कांग्रेस व बीजेपी किसी ने ध्यान नही दिया। देश व प्रदेश में सवर्ण वर्ग के गरीब लोगों के हालात अब भी खराब है। हमने अपर क्लास के गरीब को आरक्षण के लिए कई बार केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी। संसद में भी इस बात को उठाया। बीजेपी और कांग्रेस की गलत आर्थिक नीतियों के कारण ही गरीब , मजदूर, किसान कर्मचारियों की हालत खराब है। डीज़ल पेट्रोल रसोई गैस की महंगाई से भी अछूता नही है। नोट बंदी और इस पर अधूरी तैयारी के कारण भी जनता दुखी है। जिसका अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है। जबकि बसपा का मानना हैं कि देश मे कुछ गिने चुने धन्ना सेठों का विकास होने की बजाय आम आदमी का विकास होना चाहिए। केंद में रही कांग्रेस और अब भाजपा की केंद्रीय योजनाओं का लाभ गरीब आदमी को नहीं मिल रहा हैं।