ग्रंथ से जीवन समृध्द होने में मिलती है मदद : पद्मश्री नामदेव कांबले
वाशिम ग्रंथ से जीवन समृध्द होने में मिलती है मदद : पद्मश्री नामदेव कांबले
डिजिटल डेस्क, वाशिम। जीवन में श्रध्दा का होना आवश्यक है, क्योंकि श्रध्दा से मनुष्य जीवन उन्नत होता है। इसी प्रकार जीवन को उन्नत और समृध्द बनानेवाली दूसरी बात हमारी संस्कृति है। भारतीय परिवार व्यवस्था लम्बे समय तक टिकनेवाली होने से इस व्यवस्था से भारतीयों को आनंद व समाधान मिलता है। मनुष्य के निर्माण में ग्रंथाें की भूमिका महत्वपूर्ण है और ग्रंथाें से मनुष्य जीवन समृध्द होने में मदद मिलती है, ऐसा प्रतिपादन पद्मश्री नामदेव कांबले ने किया।
श्री शिवाजी विद्यालय व कनिष्ठ महाविद्यालय में जिला ग्रंथालय अधिकारी कार्यालय की ओरसे आयोजित वत्सगुल्म ग्रंथोत्सव-2022 के शुभारंभ अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कांबले सम्बोधित कर रहे थे। ग्रंथोत्सव का उद्घाटन जिला नियोजन अधिकारी सुनीता आंबरे ने किया। इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रुप में वरिष्ठ साहित्यकार प्रा. धोंडूजा इंगोले, जिला ग्रंथालय संघ अध्यक्ष प्रा. भाऊसाहब काले, जिला कौशल्य विकास, रोज़गार व उद्योजकता मार्गदर्शन केंद्र की सहायक आयुक्त सुनंदा बजाज, जिला सूचना अधिकारी विवेक खड़से, जिला ग्रंथालय संघ के प्रमुख कार्यवाह ग्रंथमित्र प्रभाकरराव घुगे, काव्याग्रह प्रकाशन वाशिम के व्यवस्थापकीय संपादक विट्ठल जोशी व जिला ग्रंथालय अधिकारी राजेश कोलते उपस्थित रहे। अपने सम्बोधन में कांबले ने आगे कहा कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे हमारी आकलन क्षमता भी बढ़ जाती है तथा मन की कक्षा भी विस्तारित होती है। इस कक्षा विस्तार के कारण ग्रंथांें का नवनवीन अर्थ पता चलता है। हमारी बुध्दि की सीमा बढ़ने पर साहित्य की ओर देखने की नई दृष्टि मिलती है और नए अर्थ पता चलते हैं। यह ग्रंथोत्सव सांस्कृतिक नीति के अनुसार हो रहा है। इस नीति को संशोधित और भरपूर बनाने के लिए जो समिति है, उस समिति के सदस्य के रुप में अच्छे सांस्कृतिक नीति की दृष्टि से काम किए जाएंगे। केवल ग्रंथोत्सव में ग्रंथाें का प्रदर्शन और बिक्री तक ही सीमित न रहते हुए प्रत्येक घर में पुस्तक होनी चाहिए, यह प्रयास किए जाएंगे। प्रत्येक के घर में यदि ललित साहित्य की पुस्तकें उपलब्ध होने पर घर के छोटे बच्चों मंे भी पठन के प्रति लगाव निर्माण होने में मदद होगी ।