अरुण गवली पैरोल पर, 28 दिन बाद वापस पहुंचेगा जेल
अरुण गवली पैरोल पर, 28 दिन बाद वापस पहुंचेगा जेल
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली फिलहाल पैरोल पर हैं। मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने उनके 28 दिन की पैरोल को मंजूर किया है। गवली को पैरोल पर छोड़ने का आदेश मिलते ही सेंट्रल जेल प्रशासन ने उसे शाम 4 बजे जेल से छोड़ा।अरुण गवली अब 28 दिन के बाद वापस जेल में पहुंचेगा।
पैरोल की समयावधि समाप्त होने पर वह वापस जेल में आएगा। शिवसेना नगरसेवक कमलाकर जामसंडेकर की हत्याकांड में अंडरवर्ल्ड डॉन रहे अरुण गवली को न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। मुंबई और येरवड़ा जेल में कुछ समय सजा भुगतने के बाद नागपुर की सेंट्रल जेल में भेजा गया। नागपुर की इस जेल में गवली गत कुछ वर्ष से बंद है। कैदियों को हर वर्ष पैरोल व फर्लो अवकाश मिलता है। इसके अनुसार गवली जेल से बाहर जाकर अपने परिवार के साथ समय बिताता है।
परिवार से मिलने के लिए उसने पैरोल (संचित अवकाश) मिलने के लिए कारागृह प्रशासन के पास आवेदन कुया था। जेल प्रशासन ने उसके आवेदन को नामंजूर कर दिया था। तब गवली ने उच्च न्यायालय में अर्जी दी थी। 29 अप्रैल को मुंबई में लोकसभा चुनाव को देखते हुए जिसके चलते उसकी अर्जी पर बाद में सुनवाई करने का निर्णय लिया गया। बाद में उसे पैरोल पर छोड़े जाने का आदेश दिया गया। अरुण गवली गत बुधवार को जेल से बाहर निकलकर अपने परिजनों के साथ मुंबई के लिए रवाना हो गया।
पुलिस वाहन में वीडियो बनाने वाले युवक पर मामला दर्ज
खड़े पुलिस वाहन में घुसकर वीडियाे बनाकर उसे वायरल करने वाले एक गिरोह के मुखिया के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। आरोपी का नाम सैयद मोबिन अहमद, संघर्ष नगर, टीपू सुलतान चौक निवासी है। आरोपी मोबिन क्षेत्र की चामा गैंग का प्रमुख है। उसके खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज है। आरोपी मोबिन को तड़ीपार किया गया है। कुछ समय पहले यशोधरा नगर पुलिस ने मोबीन के भाई सेबू को वाहन चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था।
चामा गैंग में शामिल सदस्य वाहनों की चोरी करते हैं। इन वाहनों का उपयोग मवेशियों की अवैध तस्करी में किया जाता है। जब पुलिस वाहन को रोकती, तो चालक वाहन छोड़कर फरार हो जाता। इससे चामा गिरोह काे कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। पुलिस वाहन में फिल्मी स्टाइल में उतरते व दरवाजा बंद करते हुए अपना वीडियो बनाने वाले आरोपी मोबीन के खिलाफ वरोरा, वणी और गिट्टीखदान थाने में हत्या के प्रयास के मामले दर्ज है। मोबीन ने इसके पहले भी पुलिस दल पर हमला कर चुका है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में मोबीन की गैंग में शामिल बदमाश मवेशी चोरी में लिप्त है। नागपुर मार्ग से इन मवेशियों को आदिलाबाद के अवैध बूचड़खानों में भेजा जाता है। मोबीन के कई वाहन वणी, राजनांदगाव के थानों में जब्त है। यह वाहन भी चोरी के होने के कारण मोबिन को कोई फर्क नहीं पड़ता।