Bengal post-poll violence: हाईकोर्ट के निर्देश पर NHRC के चेयरपर्सन ने गठित की कमेटी, चुनाव के बाद की हिंसा के सभी मामलों की जांच करेगी
Bengal post-poll violence: हाईकोर्ट के निर्देश पर NHRC के चेयरपर्सन ने गठित की कमेटी, चुनाव के बाद की हिंसा के सभी मामलों की जांच करेगी
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद कथित हिंसा की शिकायतों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। समिति का गठन NHRC के चेयरपर्सन ने जस्टिस अरुण मिश्रा ने किया है। कलकत्ता हाईकोर्ट की पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका को खारिज किए जाने के बाद ये समिति बनाई गई है। समिति का गठन कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार किया गया है। एनएचआरसी के अध्यक्ष द्वारा गठित समिति की अध्यक्षता एनएचआरसी के सदस्य राजीव जैन करेंगे।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार के उस आदेश को वापस लेने की याचिका खारिज कर दी, जिसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को राज्य में चुनाव के बाद की हिंसा में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के सभी मामलों की जांच करने का निर्देश दिया गया था। एक्टिंग चीफ जस्टिस राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली 5-जजों की बेंच ने इस याचिका को खारिज किया है। बेंच में जस्टिस सौमेन सेन, सुब्रत तालुकदार, आईपी मुखर्जी और हरीश टंडन भी शामिल हैं।
कौन-कौन शामिल है इस समिति में?
1) राजीव जैन, सदस्य, एनएचआरसी, समिति के प्रमुख
2)आतिफ रशीद, उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग
3) डॉ. राजुलबेन एल. देसाई, सदस्य, राष्ट्रीय महिला आयोग
4) संतोष मेहरा, डायरेक्टर जनरल (इन्वेस्टिगेशन), एनएचआरसी
5) प्रदीप कुमार पांजा, रजिस्ट्रार, पश्चिम बंगाल राज्य मानवाधिकार आयोग
6) राजू मुखर्जी, सदस्य सचिव, पश्चिम बंगाल राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण
7) मंजिल सैनी, डीआईजी (इन्वेस्टिगेशन), एनएचआरसी
क्या करेगी यह कमेटी?
*यह कमेटी पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा के सभी मामलों की जांच करेगी, जिनके बारे में शिकायतें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में पहले ही प्राप्त हो चुकी हैं या जो प्राप्त हो सकती हैं। कमेटी उन शिकायतों की जांच करेगी, जो पश्चिम बंगाल राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण को प्राप्त हुई हैं और आगे की शिकायतें जो कानूनी सेवा प्राधिकरण को प्राप्त हो सकती हैं।
*मामलों की जांच की जाएगी, जिसमें प्रभावित क्षेत्रों का दौरा शामिल होगा, और वर्तमान स्थिति के बारे में कलकत्ता हाईकोर्ट को एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। यह लोगों के विश्वास को सुनिश्चित करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर भी गौर करेगा कि वे अपने घरों में शांति से रह सकते हैं और अपनी आजीविका कमाने के लिए अपना व्यवसाय भी कर सकते हैं।
*कमेटी प्रथम दृष्टया अपराध के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों और इस मुद्दे पर सोची-समझी चुप्पी बनाए रखने वाले अधिकारियों के बारे में बताएगी।
*समिति तुरंत अपनी जांच प्रक्रिया शुरू करने वाली है।
बंगाल चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद हुई थी हिंसा
2 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद पश्चिम बंगाल में कई जगहों से झड़पों की खबरें आईं थी। सोशल मीडिया पर कथित हत्याओं, आगजनी और पार्टी कार्यालयों में तोड़फोड़ की तस्वीरें और वीडियो क्लिप वायरल हो गई थीं। भाजपा ने यह भी दावा किया था कि उसके दो कार्यकर्ताओं के साथ तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों द्वारा कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था।
हालांकि, पश्चिम बंगाल पुलिस ने इसे खारिज कर दिया था। पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक ट्वीट में सामूहिक दुष्कर्म के दावों को "फर्जी" करार दिया था। मई में, भाजपा नेता गौरव भाटिया ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और पूरे बंगाल में तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर हत्या और बलात्कार सहित "बड़े पैमाने पर हिंसा" की सीबीआई जांच की मांग की।