बालाघाटवासियों को मिलेगा अब एक वक्त पानी , रेत खनन ने सुखा दी नदी
बालाघाटवासियों को मिलेगा अब एक वक्त पानी , रेत खनन ने सुखा दी नदी
डिजिटल डेस्क,बालाघाट। जिले में पहली बार वैनगंगा नदी का जलस्तर इतना नीचे गया है, जो कभी नहीं गया था। जिसका खामियाजा नगरवासियों को उठाना पड़ेगा। जो गाहे बगाहे दूसरे वक्त पानी दिया जाता था, वह आज से एक वक्त सुबह के समय दिया जायेगा। जिसका निर्णय वैनगंगा नदी में जलस्तर के नीचे चले जाने के बाद नपाध्यक्ष और उपयंत्रियों की टीम ने नदी पर बने फिल्टर प्लांट के निरीक्षण के बाद लिया।
पहली बार हो रहा है ऐसा
पहले कभी ऐसी समस्या नगरवासियों को नहीं उठानी पड़ी। भीषण गर्मी में भी दो वक्त पानी नगरवासियों को मिल रहा था, लेकिन इस वर्ष वैनगंगा नदी का जलस्तर तेजी से गिर गया है। जिसके कारण नगरवासियों को दोनो वक्त पानी देना मुनासिब नहीं है और यदि नपा पानी देती है तो वह महज एक सप्ताह तक ही दे पायेगी, जिसके बाद नगरवासियों को पानी उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है, जिसको देखते हुए नपाध्यक्ष ने आज पत्रकारों के साथ किये गये फिल्टर प्लांट के निरीक्षण के बाद यह कदम उठाया है, जिसके लिए उन्होंने नगरवासियों से क्षमायाचना करते हुए सहयोग करने का निवेदन किया है।
रेत का बेजा उत्खनन बड़ा कारण
वैनगंगा नदी में जलस्तर गिरने के कई कारण है, जिसमें गर्मी के प्रारंभ में ही वैनगंगा नदी के छोटे पुल में स्टॉपडेम में पानी रोकने का प्रयास, मांग के बाद भी आज तक नहीं सही तरीके से नहीं किया गया। दूसरा बड़ा कारण वैनगंगा नदी के फिल्टर प्लांट के सामने की ओर मॉयल द्वारा रेत का बेजा उत्खनन है। जिसको लेकर नपाध्यक्ष ने नाराजगी भी जाहिर करते हुए मॉयल प्रबंधन पर रेत खनन के निर्धारित मापदंड के विपरित अत्यधिक जगह और मात्रा में रेत उत्खनन करने का आरोप लगाया है। नपाध्यक्ष अनिल सोनी ने कहा कि वह कलेक्टर से मुलाकात कर मॉयल को यहां से रेत खनन करने मिली ईजाजत को निरस्त करने और अत्यधिक मात्रा में मॉयल द्वारा किये गये अवैध रेत खनन मामले की जांच करने की बात करेंगे।
अनदेखी के कारण नाले के स्वरूप में बदली वैनगंगा नदी
बालाघाट जिले की जीवनदायिनी वैनगंगा नदी में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि इसका जलस्तर कभी कम हुआ हो, लेकिन इस वर्ष जलस्तर गिरने का असर अब नगरवासियों पर पडऩे वाला है। वैनगंगा नदी के जलस्तर को बनाये रखने वैनगंगा नदी के छोटे पुल पर स्टापडेम का निर्माण किया गया है, जिसमें प्रतिवर्ष पानी रोका जाता था लेकिन इस वर्ष केवल बोरी बंधान किया गया है, जिससे नदी का पानी बह गया है, जब नदी का जलस्तर नीचे चला गया तो अब नदी में बहाव रूक गया है। जिसको लेकर मांग और निर्देश के बावजूद जिम्मेदारों ने कोई पहल नहीं की। इसी अनदेखी के कारण वैनगंगा नदी का स्वरूप नाले जैसा हो गया है।