आयुष्मान भारत में आयुष चिकित्सक भी अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे
पन्ना आयुष्मान भारत में आयुष चिकित्सक भी अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे
डिजिटल डेस्क, पन्ना। स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटाइजेशन को बढावा देने के लिए डिजिटलर इकोसिस्टम विकसित किया जा रहा है। इस सुविधा से निजी और सरकारी आयुष चिकित्सकों को आयुष्मान भारत में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। नेशनल प्लेटफार्म में रजिस्टर्ड होने के बाद चिकित्सक टेलीमेडिसिन एवं ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श के लिए देश के मरीजों से सीधे संपर्क में रहेंगे। केन्द्रीय आयुष मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग ने सभी सरकारी और निजी क्षेत्र में सेवारत शिक्षकों और चिकित्सकों को इस मिशन में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए परिपत्र जारी किया है। हेल्थकेयर प्रोफेशनली रजिस्ट्री एचपीआर में केन्द्रीय पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन गत वर्ष ही शुरू कर दिया गया है। पंजीकृत आयुर्वेद, यूनानी एवं प्राकृतिक चिकित्सकों का पंजीयन हेल्थकेयर प्रोफेशनली रजिस्ट्री के प्लेटफार्म पर किया जा रहा है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बहुत आसान है और इसे पाँच मिनिट में पूरा किया जा सकता है।
रजिस्ट्रेशन के बाद ही चिकित्सक ऑनलाइन इलाज चाहने वाले मरीजों के लिए उपलब्ध होंगे और चिकित्सकों का नाम केन्द्र सरकार के पोर्टल पर दिखाई देगा। चिकित्सकों द्वारा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के बाद उनका सत्यापित प्रोफाइल नेशनल प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगा। एक बार सत्यापित प्रोफाइल नेशनल प्लेटफार्म पर उपलब्ध हो जाती है तो चिकित्सक रोगियों को खोजने और कनेक्ट करने के लिए सभी स्वास्थ्य सेवाप्रदाता वेबसाइटों और एप्लीकेशन पर ऑनलाइन दिखाई देंगे। मरीज अपना ऑनलाइन स्वास्थ्य रिकॉर्ड रजिस्टर्ड चिकित्सक को साझा कर सकेंगे। आयुष चिकित्सकों के नेशनल प्लेटफार्म पर रजिस्टर्ड होने के बाद रजिस्टर्ड चिकित्सक टेलीमेडिसिन एवं ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श के लिए नागरिकों एवं मरीजों के सीधे संपर्क में रहेंगे। इस प्लेटफार्म में रजिस्टर्ड चिकित्सक सरकार द्वारा आवश्यक एनओसी जारी कर सकेंगे तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा सकेंगे। हेल्थकेयर प्रोफेशनली रजिस्ट्री में नामांकित होने के बाद रजिस्टर्ड चिकित्सक अधिक से अधिक रोगियों तक ऑनलाइन पहुँच सकेंगे और टेलीकन्सल्टेशन के माध्यम से प्रभावी स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर सकेंगे। इस सिस्टम से जन.सामान्य को मान्यता प्राप्त आयुष चिकित्सकों की सेवाएँ प्राप्त हो सकेगी जिससे स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में पारदर्शिता भी कायम होगी।