आयुर्वेद दिवस: पीएम मोदी ने किया दो आयुर्वेद संस्थानों का उद्घाटन, बोले आयुर्वेद भारत की एक विरासत है

आयुर्वेद दिवस: पीएम मोदी ने किया दो आयुर्वेद संस्थानों का उद्घाटन, बोले आयुर्वेद भारत की एक विरासत है

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-13 05:10 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज पांचवें आयुर्वेद दिवस पर आयुर्वेद संस्थानों- गुजरात के जामनगर के आयुर्वेद अध्यापन एवं अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) और जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) का उद्घाटन किया। वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पीएम मोदी ने इन कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। 

इस दौरान उन्होंने कहा कि, इस बार का आयुर्वेद दिवस गुजरात और राजस्थान के लिए विशेष है। ये हमारे युवा साथियों के लिए भी विशेष है। आयुर्वेद भारत की एक विरासत है, जिसके विस्तार में पूरी मानवजाति की भलाई है। आज ब्राजील की राष्ट्रीय नीति में आयुर्वेद शामिल है।

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उन्होंने कहा कि गर्व की बात है कि WHO ने Global Centre for Traditional Medicine की स्थापना के लिए भारत को चुना है। अब भारत से दुनिया के लिए इस दिशा में काम होगा। भारत को ये बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए मैं WHO और उसके महानिदेशक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि, बदलते समय के साथ आज हर चीज इंटीग्रेट हो रही है। स्वास्थ्य भी इससे अलग नहीं है। इसी सोच के साथ देश आज इलाज की अलग-अलग पद्धतियों के इंटीग्रेशन के लिए एक के बाद एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।

उन्होंने कहा कि, ये हमेशा से स्थापित सत्य रहा है कि भारत के पास आरोग्य से जुड़ी कितनी बड़ी विरासत है। लेकिन ये भी उतना ही सही है कि ये ज्ञान ज्यादातर किताबों में, शास्त्रों में रहा है और थोड़ा-बहुत दादी-नानी के नुस्खों में। इस ज्ञान को आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार विकसित किया जाना आवश्यक है।

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पीएम बोले कि, कहते हैं कि जब कद बढ़ता है तो दायित्व भी बढ़ता है। आज जब इन 2 महत्वपूर्ण संस्थानो का कद बढ़ा है, तो मेरा एक आग्रह भी है-अब आप सब पर ऐसे पाठ्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी है जो इंटरनेशनल प्रैक्टिस के अनुकूल और वैज्ञानिक मानकों के अनुरूप हो। पीएम ने कहा कि, मुझे विश्वास है कि हमारे साझा प्रयासों से आयुष ही नहीं बल्कि आरोग्य का हमारा पूरा सिस्टम एक बड़े बदलाव का साक्षी बनेगा।

मालूम हो कि गुजरात के जामनगर में आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा दिया गया है। वहीं जयपुर में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान को मानद विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है।  

 

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