न्यायालय में टिक नहीं पाते हैं एट्रोसिटी के प्रकरण, नए साल में एक भी आरोपी को सजा नहीं
न्यायालय में टिक नहीं पाते हैं एट्रोसिटी के प्रकरण, नए साल में एक भी आरोपी को सजा नहीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। एट्रोसिटी एक्ट अर्थात अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार प्रतिबंधक कानून के तहत दर्ज प्रकरणों में ज्यादातर आरोपी छूट जाते हैं। नये साल में ही देखें तो नागपुर परिक्षेत्र में एट्रोसिटी के 10 प्रकरण दर्ज हुए। लेकिन किसी भी प्रकरण के आरोपी को सजा नहीं मिल पायी है।आरटीआई अर्थात सूचना के अधिकार के तहत ली गई जानकारी में यह खुलासा हुआ है।
सामाजिक कार्यकर्ता अभय कोलारकर को अधीक्षक नागरिक अधिकार संरक्षण विभाग नागपुर ने जानकारी दी है। एट्रोसिटी के तहत निराधार शिकायत देनेवालों पर भी कार्रवाई कुछ खास नहीं हो पायी है। विभाग के लिए कुछ मामलों पर समरी रिपोर्ट न्यायालय में दी गई है। न्यायालय में मामले लंबित हैं। लेकिन निराधार शिकायत करनेवालों को सजा नहीं मिल पायी है।
नागपुर ग्रामीण व चंद्रपुर में सबसे अधिक प्रकरण
वर्ष 2020 में जनवरी माह के आंकड़े देखें तो नागपुर विभाग में एट्रोसिटी के तहत सबसे अधिक प्रकरण नागपुर ग्रामीण व चंद्रपुर जिले के हैं। दोनों में 11-11 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। नागरिक अधिकार संरक्षण नागपुर परिक्षेत्र के अंतर्गत नागपुर शहर, नागपुर ग्रामीण, भंडारा, गाेंदिया, वर्धा, चंद्रपुर, गडचिरोली, नागपुर रेलवे शामिल है। जनवरी में नागपुर ग्रामीण में 11, नागपुर शहर 2, भंडारा 2, गोंदिया 1, वर्धा 5, चंद्रपुर 11 , गडचिरोली में 1 प्रकरण दर्ज किया गया। इनमें से वर्धा जिले में 4 प्रकरण के आरोपियों को रिहा कर दिया गया है। नागपुर शहर में 1, ग्रामीण में 2, चंद्रपुर 2 व गडचिरोली में 1 प्रकरण के आरोपी रिहा कर दिये गए हैं।
कार्रवाई पर एक नजर
क्षेत्र-2018 दर्ज प्रकरण व रिहा - 2019 दर्ज प्रकरण व रिहा -2020 दर्ज प्रकरण व रिहा
नागपुर शहर-24,07 -26,09 -02,01
नागपुर ग्रामीण- 70,19 - 64,19 - 11,02
भंडारा- 41,14 - 35,14 -02, 00
गोंदिया - 53,01 -61,18 - 01,00
वर्धा- 35,18 - 35,22 -05,04
चंद्रपुर- 85,55 -61,25 - 11,02
गडचिरोली- 19,09 -29,11 -01,01