ऐसे भी कलाप्रेमी : मंदिर में स्थापित कर दी लता मंगेशकर की मूर्ति
वर्धा ऐसे भी कलाप्रेमी : मंदिर में स्थापित कर दी लता मंगेशकर की मूर्ति
डॉ. प्रकाश राठी |आर्वी(वर्धा)। पार्श्वगायिका लता मंगेशकर के गीतों से एक कला प्रेमी इतना प्रेरित हुआ कि, अपने घर के मंदिर में भगवान का स्थान देते हुए उनकी मूर्ति लगवाई है। शहर में इसकी सभी ओर चर्चा की जा रही है। इस व्यक्ति का नाम राजू देशमुख है। आर्वी निवासी राजू देशमुख लतादीदी के गीतों से बचपन से ही प्रेरित थे। राजीव देशमुख महाराष्ट्र के धामनगांव में पैदा हुए थे। राजीव देशमुख करीब 14 साल के थे, उस समय लता मंगेशकर को मिलने के लिए मुंबई भाग रहे थे। तब रेलवे पुलिस ने उन्हें स्कूल के ड्रेस व स्कूल बैग के साथ पकड़ा था। उस समय रेलवे पुलिस थाना में ले जाकर छोड़ दिया। बढ़ती उम्र के साथ उन्होंने लता दीदी के गीतों का संग्रह किया। जीवनभर उनके गीत गाए। इतना ही नहीं तो विवाह की पत्रिका में भी लतादीदी की तस्वीर को स्थान दिया था। देशमुख यह निर्माणकार्य व्यवसाय से जुड़े हैं। लतादीदी के बारे में उनके मन में बड़ा आदर और सम्मान है। लतादीदी की विविध प्रकार की तस्वीरें उन्होने अपने देवघर में सजा रखी हैं।
लता मंगेशकर के बचपन से लेकर जीवन के अंतिम क्षणों की यात्रा उन्होंने अपनी तस्वीर के माध्यम से जीवित रखी है। लता दीदी के जीवन पर उन्होंने गीतों का गायन किया है। राजू देशमुख से मिलने पर लता दीदी के गीतों के संबंध में उनके मन में रहने वाले एहसास का पता चलता है। वे घर के देवघर के सामने बैठकर लता दीदी के गीतों का स्मरण करते हैं। लता दीदी के प्रति उनके मन में सम्मान व प्रेम कला रसिकों के लिए निश्चित ही प्रेरणादायी है। राजीव देशमुख ने खामगांव से सिविल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा किया है। इसके बाद पुणे की कंपनी से जुड़े। पुणे की कंपनी को पानी की टंकी बनाने की जिम्मेदारी देकर 1998 में आ गए, तब से वे आर्वी में स्थायी हो गए। उन्हें एक पुत्र व दो पुत्री हैं। पुत्र व पुत्री का विवाह हो चुका है। बेटे ने सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है और संगीत में भी रुचि रखता है। लता मंगेशकर का संगीत सुनता रहता है। राजीव देशमुख जब 36 वर्ष के थे, तब 1990 में पुणे में लता मंगेशकर आई थीं। तब उनकी लता मंगेशकर की मुलाकात हुई। लता मंगेशकर करीब 12 वर्ष पहले एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नागपुर आई थी। तब पूर्व सांसद दत्ता मेघे के हाथों लता मंगेशकर को फोटो प्रदान की गई थी। तब राजीव देशमुख दर्शकदिर्घा में बैठे थे।