नरभक्षी बाघ का तत्काल बंदोबस्त करने वनविभाग से गुहार
कार्यालय पहुंचे ग्रामीण नरभक्षी बाघ का तत्काल बंदोबस्त करने वनविभाग से गुहार
डिजिटल डेस्क, चामोर्शी (गड़चिरोली)। तहसील के ग्रामीण क्षेत्र में इन दिनों नरभक्षी बाघ का आतंक बढ़ गया है। वर्तमान में खरीफ सत्र का खेती कार्य अंतिम चरण में होकर किसान अपने खेतों में पहुंचकर खेती कार्यों में व्यस्त हैं। इसी मौके का लाभ उठाकर नरभक्षी बाघ मनुष्यों व मवेशियों पर हमला करने लगा है। जिससे क्षेत्रवासी भयभीत हो गये हैं। लोगों को सुरक्षा प्रदान करते हुए नरभक्षी बाघ का तत्काल बंदोबस्त करने की मांग का लेकर मंगलवार को ग्रामीणों ने चामोर्शी के वन परिक्षेत्र कार्यालय पर दस्तक दी। वन परिक्षेत्र अधिकारी आर. बी. इनवाते को सौंपे गये ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि, पिछले कुछ दिनों से तहसील के विसापुर रै., आमगांव महाल, वालसरा, कुरूड, नेताजीनगर, भाड़भिड़ी, माड़ेआमगांव, कुथेगांव, येडानुर, मुरमुरी, गौरीपुर, कर्कापल्ली, सोनापुर समेत अन्य गांव परिसर में बाघ का आतंक बढ़ गया है। पंद्रह दिन पूर्व इसी बाघ के हमले में एक किसान की मृत्यू हुई थी। वहीं बाघ ने अब तक दर्जनों मवेशियों को शिकार भी बनाया है। जिससे लोगों में दहशतपूर्ण माहौल निर्माण हो गया है। वर्तमान में खेतों में धान कटाई का कार्य शुरू है। जिससे मजदूर व किसान अपने खेतों में पहुंचने लगे है। लेकिन बाघ की दहशत बढ़ जाने से खेती कार्य भी प्रभावित होने लगे है। समस्या के मद्देनजर नरभक्षी बाघ का तत्काल बंदोबस्त करने की मांग इस समय नागरिकों ने की। प्रतिनिधिमंडल में कुरूड के उपसरपंच शेंडे, पूर्व उपसरपंच रमेश सातपुते, वालसरा के पूर्व उपसरपंच लालाजी भोयर, वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष आनंद कोहले, ग्रापं के पूर्व सदस्य लक्ष्मण वासेकर, साईनाथ पिपरे, टिकाराम कोपुलवार, राजु शेट्ये, महेश सातपुते, अनमोल धोटे, देवानंद बारसागडे, विलास भांडेकर, किशोर तोटपल्लीवार, भारत कसनवार, सुधाकर कोठारे समेत अन्य ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।