Indian Railways: इस TTE ने विदाउट टिकट यात्रियों से वसूले 1.5 करोड़ रुपए
Indian Railways: इस TTE ने विदाउट टिकट यात्रियों से वसूले 1.5 करोड़ रुपए
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारत में कुल 12,617 पेसेंजर ट्रेनों में रोज करीब 23 मिलियन यात्री सफर करते हैं। बहुत से यात्री ऐसे होते हैं, जो अपने सफर में या तो देरी के कारण टिकट नहीं ले पाते या फिर जानबूझकर टिकट नहीं लेते। रेलवे के एक ट्रेवलिंग टिकट एक्जामिनर (TTE) ने ट्रेन में 22 हजार से भी अधिक बिना टिकट के यात्रा करने वाले पेसेंजर्स से जुर्माना वसूलकर रिकॉर्ड बनाया है। इस TTE ने बेटिकट पेसेंजर्स से करीब डेढ़ करोड़ रुपए की वसूली की है।
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मध्य रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर शिवाजी सुतार ने के मुताबिक मध्य रेलवे ने साल 2019 में 37.64 लाख बिना टिकट और अनियमित रूप से यात्रा करने वाले पेसेंजर्स से 192.51 करोड़ रुपए वसूले। जबकि साल 2018 में 34.09 से 168.30 करोड़ रुपए का फाइन लिया गया था।
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दो अन्य TTE भी पीछे नहीं
रेलवे के मुताबिक TTE एसबी गलांडे ने व्यक्तिगत रूप से सबसे ज्यादा रेवेन्यू हासिल किया है। मौजूदा समय में गलांडे मध्य रेलवे फ्लाइंग स्क्वॉड में पदस्थ हैं। वे ट्रेन में हर रोज 12 से 13 घंटे की ड्यूटी करते हैं और उन्होंने 22680 पेसेंजर्स से 1.51 करोड़ रुपए की वसूली की है। यह आंकड़ा साल 2019 का है। वहीं रेलवे के सूत्रों के मुताबिक दो अन्य TTE ने भी बिना टिकट के यात्रा करने वाले पेसेंजर्स से 1-1 करोड़ रुपए का फाइन वसूला है। गलांडे के साथ ही काम करने वाले डी कुमार ने 15264 पेसेंजर्स से 1.02 करोड़ रुपए एमएम शिंदे ने 16035 पेसेंजर्स से 1.07 करोड़ रुपए का फाइन वसूला।
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बिना टिकट यात्रा की सजा
ट्रेन में टिकट के बिना यात्रा करना एक दंडनीय अपराध है। रेलवे एक्ट 1989 के सेक्शन 137 1 (B) के मुताबिक बिना टिकट के यात्रा करने वाले पेसेंजर को 1,000 रुपए तक का जुर्माना या 6 महीने तक का कारावास या दोनों की सजा दी जा सकती है। हालांकि अमूमन ऐसे यात्री से TTE, तय दूरी की टिकट की लागत के साथ 250 रुपए का फाइन लेते हैं। यदि वे फाइन देने से इनकार करते हैं, तो उन्हें रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के हवाले कर दिया जाता है। बाद में RPF रेलवे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाता है और एक बार फिर फाइन भरने को कहा जाता है। यदि इस बार भी वह यात्री जुर्माना भरने से इनकार करते हैं या असमर्थ होते हैं, तो उन्हें सजा के तौर पर 6 महीने तक का करावास दिया जा सकता है।
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