अकोला यातायात पुलिस ने की भारी वाहनों को हटाने की कार्रवाई
ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत अकोला यातायात पुलिस ने की भारी वाहनों को हटाने की कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, अकोला। पुराना वाशिम बायपास मार्ग पर लाइन से लगे ट्रकों से होने वाली परेशानी से अब लोगों को राहत मिलेगी। ट्रैफिक पुलिस क्षेत्र से भारी वाहनो को हटाना शुरू कर दिया है। बता दें कि राहुल गांधी की पैदल यात्रा के कारण अकोला-पातूर मार्ग दो दिन के लिए बंद कर दिया गया था। इस दौरान शहर यातायात पुलिस विभाग की नजर पुराने वाशिम बाई पास के चौराहे पर पड़ी। यह चौराहा पिछले कई वर्षों से ट्रकों की मरम्मत के लिए खडे करने का हब बन चुका था। भारी वाहनों की यातायात सुचारु होने तथा दुर्घटनाओं की संख्या कम करने के लिए बनने वाले चौड़े मार्ग का इस्तेमाल भारी वाहनों ने अपने लिए मरम्मत के कारखाने की जगह के रूप में तब्दील कर लिया था।
जिसे पुराना वाशिम बाई पास कहते हैं इस चौराहे पर अकोला से बालापुर की ओर तथा वाशिम की ओर जाने वाले स्टेट हाई वे पर कई मीटर लंबी भारी वाहनों की कतारें लगी हुई नजर आ रही थी। यहां ट्रकों की कई दिनों तक मरम्मत की जाती रही है, अलावा इस इलाके में भारी वाहनों की मरम्मत के लिए जरुरी हर तरह के मिस्त्री मिलते हैं, आटो इलेक्ट्रिशियन, बैटरीज का काम करने वाले कारीगरों के अलावा टायर्स व अन्य कल पुर्जों की दुकानों की भरमार है। जिसके कारण किसी भी तरह के भारी वाहनों की मरम्मत या पुर्जे बदलने का काम यहां के गैराजों में आम चलता है। वाहन चालकों के लिए यह बात सुविधाजनक हो सकती है लेकिन मरम्मत के लिए कई दिनों तक खडे किए जाने वाले इन भारी भरकम ट्रकों के कारण कई फीट चौडे रास्ते को संकरा बना दिया है। वाशिम की ओर जाने वाले तथा बालापुर खामगांव व आगे मुंबई की ओर जाने वाले चार पहिया वाहनों को यहां से गुजरते समय आगे का रास्ता ही नजर नहीं आता क्योंकि वाहनों की कतारें इतनी लंबी होती है कि यह आगे मोड से भी पार बनी होती है। लिहाजा वाहन चालकों को इस रास्ते से वाहन चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
दो दिन में 23 वाहनों को ठोंका जुर्माना {शहर यातायात पुलिस ने वाशिम बाई पास पर बेवजह खडे किए गए भारी ट्रकों को दो दिन कार्रवाई का डंडा दिखाया और वाहन को जुर्माना ठोंका। दो दिन में कुल 23 ट्रकों को जुर्माना किया गया जिसके कारण यहां खडे किए जाने वाले ट्रकों की संख्या में कमी आयी है, लेकिन इस तरह की कार्रवाई इससे पहले की गाहे बगाहे होती रही है, लेकिन परिणाम दो दिन के बाद शून्य नजर आया है। विशेष यह कि पहले यहां एक पुलिस चौकी भी होती थी। जिसमें डयूटी निभानग वाले पुलिस कर्मचारी चौराहे से गुजरने वाली यातायात पर नजर रखते थे, अलबत्ता ट्रकों की कतारें तब भी बनी रहती थी यह बात अलग है।