बल्ला कांड : आकाश विजयवर्गीय जेल से रिहा
बल्ला कांड : आकाश विजयवर्गीय जेल से रिहा
डिजिटल डेस्क,भोपाल। इंदौर से बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय जेल से रिहा होकर बाहर आ गए है। नगर निगम कर्मचारी को बैट से पीटने पर विधायक आकाश को शनिवार को भोपाल की स्पेशल कोर्ट से जमानत मिली थी। आकाश विजयवर्गीय को 50 हजार के मुचलके पर आकाश को जमानत मिली है। विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह की कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है। आकाश ने शुक्रवार को जमानत के लिए याचिका दायर की थी। पुलिस ने आरोपी विधायक को 26 जून को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था, जहां से उन्हें 11 जुलाई तक जेल भेज दिया गया था।
Akash Vijayvargiya, BJP MLA: In such a situation when a woman was being dragged in front of police, I couldn"t think of doing anything else, not embarrassed at what I did. But I pray to god "ki vo dobara ballebazi karne ka avsar na de." #MadhyaPradesh pic.twitter.com/n9OJSfvgMR
— ANI (@ANI) June 30, 2019
रविवार सुबह सारी औपचारिकाएं पूरी करने के बाद आकाश विजयवर्गीय जेल से बाहर आए। जेल से बाहर आते ही आकाश ने कहा कि उनका समय अच्छा गुजरा। मैं अपने क्षेत्र और जनता की बेहतरी के लिए काम करता रहूंगा। उन्होंने कहा कि मुझे पछतावा नहीं है, लेकिन मैं प्रार्थना करता हूं कि मुझे दोबारा बल्लेबाजी का अवसर न दें। इससे पहले शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश की सुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में उनके समर्थक कोर्ट के बाहर डटे रहे। भाजपा नेता और विधायक विश्वास सारंग भी वकील के साथ कोर्ट में मौजूद थे। सरकारी वकील राजेंद्र उपाध्याय के मुताबिक आकाश के खिलाफ आईपीसी की धारा 332 और धारा 427 बढ़ाई गई थी। धारा 332 में शासकीय कर्मचारी को पीटने और धारा 427 में शासकीय सामान को तोड़ने की धारा है। सुनवाई के दौरान आकाश के वकील ने उन पर धाराएं बढ़ाए जाने पर आपत्ति दर्ज की थी।
बता दें कि निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस टीम के साथ 26 जून को इंदौर में एक जर्जर मकान ढहाने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान स्थानीय लोगों ने उनके क्षेत्र के विधायक आकाश विजयवर्गीय को वहां बुला लिया। आकाश अपने समर्थकों के साथ पहुंचे और निगम के अमले को कार्रवाई रोकने के लिए कहा। जब अधिकारियों ने आकाश की बात नहीं मानी तो उन्होंने अधिकारी की बैट से पिटाई कर दी।
इसके बाद पुलिस ने आकाश को गिरफ्तार कर उसी दिन इंदौर कोर्ट में प्रस्तुत किया। कोर्ट ने आकाश की जमानत खारिज करते हुए उन्हें 14 दिनों की ज्यूडिशियल रिमांड पर भेज दिया। साथ ही यह भी कहा कि चूंकि ये मामला विधायक से जुड़ा है लिहाजा इसकी सुनवाई करना उनके क्षेत्राधिकार में नहीं है। इस मामले की सुनवाई विधायक व सांसदों के लिए बनाई गई स्पेशल कोर्ट में की जाए।