BSP-SAD Alliance: पंजाब में 25 साल बाद बसपा-अकाली मिलकर लड़ेंगे चुनाव, सीटों का फॉर्मूला हुआ फाइनल

BSP-SAD Alliance: पंजाब में 25 साल बाद बसपा-अकाली मिलकर लड़ेंगे चुनाव, सीटों का फॉर्मूला हुआ फाइनल

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-12 08:47 GMT
BSP-SAD Alliance: पंजाब में 25 साल बाद बसपा-अकाली मिलकर लड़ेंगे चुनाव, सीटों का फॉर्मूला हुआ फाइनल

डिजिटल डेस्क, अमृतसर। पंजाब में 25 साल बाद शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। आज मायावती और सुखबीर सिंह बादल के बीच सीटों का फॉर्मूला भी फाइनल हो गया है। 117 विधानसभा सीटों वाले पंजाब राज्य में 20 सीटों पर बसपा और बाकी 97 सीटों पर अकाली दल चुनाव लड़ेगी। 

इससे पहले दोनों दलों ने 1996 के विधानसभा चुनाव में एक साथ चुनाव लड़ा था। लेकिन यह गठबंधन एक साल ही चला और अकाली दल 1997 में बीजेपी के साथ आ गया था। बसपा के खाते में जालंधर का करतारपुर साहिब, जालंधर पश्चिम, जालंधर उत्तर, फगवाड़ा, होशियारपुर सदर, दासुया, रुपनगर जिले में चमकौर साहिब, पठानकोट जिले में बस्सी पठाना, सुजानपुर, अमृतसर उत्तर और अमृतसर मध्य आदि सीटें आई हैं। 

 

अकाली दल प्रमुख सुखबी​र सिंह बादल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि "दोनों पार्टियों की सोच दूरदर्शी है, दोनों ही पार्टियां गरीब, किसान, मजदूरों के बारे में सोचती हैं। ये पंजाब की सियासत के लिए ऐतिहासिक दिन है। सुखबीर सिंह बादल ने कहा, हमने भाजपा का साथ इसलिए छोड़ा क्योंकि वह अपनी सोच से भटक गई थी। भाजपा एकतंत्रीय फै़सले लेने लग गई थी। हमने उनसे कृषि बिल नहीं लाने के लिए बोला था लेकिन उन्होंने हमारी नहीं सुनी। BSP और शिरोमणि अकाली दल की सोच एक है। जब 1996 में हमारे बीच गठबंधन हुआ था उसक वक्त हमने क्लीन स्वीप किया था, इस बार भी वही होगा। पहले हमने BSP के साथ गठबंधन पंजाब में आतंकवाद के कारण छोड़ा था। कैप्टन अमरिंदर सिंह की ज़मानत ज़ब्त होगी। 

इससे पहले, साल 1996 लोकसभा चुनाव में भी अकाली दल और बसपा दोनों दल साथ मिलकर लड़े थे। गौरतलब है कि अकाली प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पहले ही दोनों दलों के साथ आने के संकेत दे चुके थे। उन्होंने कहा था कि इस बार डिप्टी CM का पद SC कैटेगिरी के सदस्य को देंगे। सितंबर 2020 में संसद से पास तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में एनडीए के घटक अकाली दल ने मोदी सरकार से बाहर होने का फैसला किया था। शिअद के साथ गठबंधन में बीजेपी 23 सीटों पर चुनाव लड़ा करती थी। 

गठबंधन को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा, वैसे तो पंजाब में समाज का हर तबक़ा कांग्रेस पार्टी के शासन में यहां व्याप्त गरीबी, भ्रष्टाचार व बेरोजगारी आदि से जूझ रहा है, लेकिन इसकी सबसे ज्यादा मार दलितों, किसानों, युवाओं व महिलाओं आदि पर पड़ रही है, जिससे मुक्ति पाने के लिए अपने इस गटबन्धन को कामयाब बनाना बहुत जरूरी। साथ ही, पंजाब की समस्त जनता से पुरज़ोर अपील है कि वे अकाली दल व बी.एस.पी. के बीच आज हुये इस ऐतिहासिक गठबन्धन को अपना पूर्ण समर्थन देते हुए यहां सन् 2022 के प्रारम्भ में ही होने वाले विधानसभा आमचुनाव में इस गठबन्धन की सरकार बनवाने में पूरे जी-जान से अभी से ही जुट जाएं। पंजाब में आज शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी द्वारा घोषित गठबंधन यह एक नया राजनीतिक व सामाजिक पहल है, जो निश्चय ही यहां राज्य में जनता के बहु-प्रतीक्षित विकास, प्रगति व खुशहाली के नए युग की शुरूआत करेगा। इस ऐतिहासिक कदम के लिए लोगों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

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