सेक्युलर दलों ने ओवैसी से क्यों बनाई दूरी ? क्या चुनावी समीकरण बिगाड़ सकती है AIMIM

सेक्युलर दलों ने ओवैसी से क्यों बनाई दूरी ? क्या चुनावी समीकरण बिगाड़ सकती है AIMIM

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-28 09:06 GMT
सेक्युलर दलों ने ओवैसी से क्यों बनाई दूरी ? क्या चुनावी समीकरण बिगाड़ सकती है AIMIM

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। सभी राजनीतिक दल चुनावी तैयारी में जुट गए हैं। इस बार भाजपा, कांग्रेस, सपा और बसपा बिना किसी पार्टी से गठबंधन किए चुनाव लड़ेंगे। मायावती साफ कर चुकी हैं उनकी पार्टी अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी कह चुके हैं कि किसी बडे़ दल से गठबंधन नहीं करेंगे। 

यूपी चुनाव के मद्देनजर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन भी चुनाव तैयारी में जुट गई है। AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बताया कि उनकी पार्टी यूपी चुनाव में 100 उम्मीदवार मैदान में उतारेगी। हालांकि ओवैसी की पार्टी से गठबंधन की बात को मायावती खारिज कर चुकी हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल AIMIM को लेकर खड़ा होता है कि आखिरी क्यों ज्यादातर सेक्युलर दल ओवैसी के साथ नहीं आना चाहते हैं ?

दरअसल, ज्यादातर राजनीतिक दलों को इस बात की चिंता है कि ओवैसी उत्तर प्रदेश में चुनावी मैदान में उतरकर मुस्लिम मतों को अपने पाले में लाकर सेक्युलर दलों का सियासी खेल बिगाड़ सकते हैं। ऐसे में अगर उन्हें मुस्लिम वोट नहीं भी मिलते तो वो अपनी राजनीति के जरिए ऐसा ध्रुवीकरण करते हैं कि हिंदू वोट एकजुट होने लगता है। अब तक यही खास वजह मानी जा रही है। जिसके कारण राजनीतिक दल ओवैसी से दूरी बना रहे हैं। 

अखिलेश यादव ने कहा पहले संसद में ओवैसी हमारे बगल में ही बैठा करते थे। लेकिन, उस समय उनकी राजनीति अलग थी। आज वो किसके लिए (BJP) काम करते हैं। ये बात जगजाहिर है। हम साफ कर दें कि यूपी में हमारा तीन दलों के साथ गठबंधन है। ऐसे में जो भी दल बीजेपी से मिले हुए हैं, सपा उनसे दूरी बनाकर चलेगी। पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान कांग्रेस ने भी ओवैसी की पार्टी AIMIM को बीजेपी की B टीम बता चुकी है। तब असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, जबसे हमने पश्चिम बंगाल चुनाव लड़ने का ऐलान किया, तभी से "बैंड-बाजा" पार्टी, जिसे कभी कांग्रेस के तौर पर जाना जाता था, उसने कहना शुरू कर दिया है कि हम भाजपा की टीम बी हैं। ओवैसी ने सवाल दागते हुए पूछा, क्या मैं केवल एक ही हूं जिसके बारे में वे बात कर सकते हैं? मैं किसी और का नहीं बल्कि जनता का हूं। 

 

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