कॉमनवेल्थ गेम्स से निशानेबाजी बाहर होने के बाद अब कुश्ती पर संकट, भोपाल में शूटिंग का ट्रायल लेने आये कोच दीपक ने बताया भारतीय खेलों पर खतरा

मध्य प्रदेश कॉमनवेल्थ गेम्स से निशानेबाजी बाहर होने के बाद अब कुश्ती पर संकट, भोपाल में शूटिंग का ट्रायल लेने आये कोच दीपक ने बताया भारतीय खेलों पर खतरा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-30 12:28 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में शूटिंग को शामिल नहीं करने के बाद अब भारतीय खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने वाले शूटिंग कोच ने भारतीय खेलों पर खतरा बताया है। पिछले 16 अगस्त से भोपाल में शूटिंग (निशानेबाजी) के खिलाड़ियों का वर्ल्ड चेम्पियनशिप के लिए चयन कर रहे शूटिंग कोच और इंटरनेशल ज्यूरी दीपक कुमार दुबे ने भारतीय खेलों को षड्यंत्र कर अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता से बाहर करने पर चिंता जताई है। दुबे का मानना है कि जिस तरह शूटिंग को कामनवेल्थ गेम्स से बाहर कर दिया गया है।

इसी तरह अब कु़श्ती और अन्य खेलों पर भी खतरा है। इसके पीछे की वजह उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों द्वारा लगातार गोल्ड लाने को बताया है। भारतीय खिलाड़ी अमूूमन हर खेल में गोल्ड ला रहे हैं। शूटिंग और कुश्ती में पिछले कुछ सालों से अंतराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भारतीय खिलाड़ियों ने अन्य देशों के खिलाड़ियों को पछाड़कर भारत को गोल्ड दिया है। जिससे एक षड़यंत्रपूर्ण तरीके से भारत के ऐसे खेलों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता से बाहर किया जा रहा है। 

शूटिंग को इसलिए किया बाहर

कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग एक ऑप्शनल खेल है। कॉमनवेल्थ गेम्स की 15 खेलों की मेन लिस्ट में ये शामिल नहीं है। ऑप्शनल स्पोर्ट को रखना या न रखना होस्ट के ऊपर निर्भर करता है। इस बार बर्मिंघम ने ऑप्शनल स्पोर्ट्स की लिस्ट से शूटिंग को शामिल नहीं किया है।

शूटिंग को इस बार शामिल न करने की वजह इंफ्रास्ट्रक्चर और रिसोर्सेज की कमी बताई गई है। सीडब्ल्यूजी में भारत ने अबतक सबसे ज्यादा मेडल इसी खेल में जीते हैं। शूटिंग को शामिल न करने पर वजह बताई गई कि बर्मिंघम शहर में अच्छे शूटिंग रेंज नहीं हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर और संसाधनों का हवाला देकर शूटिंग को कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में शामिल नहीं किया गया है।

मप्र के खिलाड़ी अगले वर्ष वर्ल्ड चेम्पियनशिप में खेलेंगे

मप्र के शूटिंग खिलाड़ियों का चयन किया गया है। पिछले 16 अगस्त से चयन प्रक्रिया चल रही है। भोपाल में इंटरनेशनल ज्यूरी और देश के जाने माने कोच मप्र के खिलाड़ियों की निशानेबाजी की प्रतिभा को खोज रहे हैं। चयनप्रक्रिया में मप्र के 10 वर्ष से 35 वर्ष की आयु के शूटिंग खिलाड़ियों ने अपना ट्रायल दिया है। अब अंतिम चयनसूची जारी होना बाकी है। 

खेलो इंडिया यूथ गेम्स फरवरी में भाेपाल में 

शूटिंग कोच दीपक दुबे ने बताया कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स अगले वर्ष फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में भाेपाल में आयोजित किया जायेगा। यह पहली बार होगा कि इस तरह की खेल प्रतियोगिता भोपाल आयोजित हो रही हो। पहली बार यूथ गेम्स का आयोजन दिल्ली में हुआ था। इसके बाद पुणे, गुवाहाटी, हरियाणा और अब मप्र में खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन किया जा रहा है।

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