चार साल बाद सुलझी गुत्थी, मामूली विवाद पर 4 दोस्तों ने कत्ल कर जलाई थी लाश

अंधी हत्या   चार साल बाद सुलझी गुत्थी, मामूली विवाद पर 4 दोस्तों ने कत्ल कर जलाई थी लाश

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-13 12:16 GMT
चार साल बाद सुलझी गुत्थी, मामूली विवाद पर 4 दोस्तों ने कत्ल कर जलाई थी लाश

डिजिटल डेस्क सतना। जसो पुलिस ने चार साल पुरानी अंधी हत्या का खुलासा करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। टीआई वर्षा सोनकर ने बताया कि नकझिर निवासी रामानंद पुत्र दुलारे कोल 22 वर्ष, दिसंबर 2018 की 20 तारीख को रहस्यमय ढंग से लापता हो गया था, तब से उसके परिजन तलाश करने लगे, लेकिन थाने में कोई सूचना नहीं दी। इसी बीच 31 दिसंबर को गांव से लगे जंगल में अज्ञात जली लाश मिली, जिस पर परिजनों और ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना देते हुए उक्त शव रामानंद का होने की आशंका जताई, लिहाजा मर्ग कायम कर मेडिकल कॉलेज में शव का पोस्टमार्टम कराया गया, तो लापता युवक के भाई रामभगत और अन्य परिजनों के ब्लड सेम्पल लेकर फॉरेंसिक लैब में डीएनए जांच कराई गई। पीएम रिपोर्ट में गर्दन की बायीं तरफ गंभीर चोट लगने से मौत की बात सामने आने पर अज्ञात के खिलाफ धारा 302 और 201 का अपराध पंजीबद्ध कर पड़ताल शुरू की गई, मगर साढ़े 3 साल तक कोई नतीजा नहीं निकला।
 

 

और यूं सामने आया सच ---
इस बीच कई विवेचक बदल गए, जिससे जांच-पड़ताल पर असर पड़ता रहा। हाल ही में नए सिरे से जब विवेचना शुरू कर परिजनों और पड़ोसिया से सवाल-जवाब किए गए तो यह बात सामने आई कि रामानंद की गहरी दोस्ती गांव के ही राजमन पुत्र हिसाबी कोल 20 वर्ष, राजकुमार पुत्र कोटा कोल 26 वर्ष, सूरज पुत्र मुन्नीलाल कोल 22 वर्ष समेत 19 वर्षीय युवक के साथ थी। पांचों युवक अक्सर साथ में ही रहते थे। उसके लापता होने के दिन चारों साथियों को शाम के समय मिट्टी का तेल लेकर जंगल की तरफ देखे जाने की बात भी पता चली।
इस जानकारी पर चारो लड़कों को बुलाकर मनोवैज्ञानिक तरीकों से पूछतांछ की गई तो थोड़ी ना-नुकुर के बाद आरोपियों ने जुर्म स्वीकार कर लिया।
 

 

जंगल में शिकार के दौरान हुआ था झगड़ा ---
पकड़े गए युवकों ने खुलासा किया कि सभी लोग जंगल में शिकार करने गए थे, जहां मामूली सी बात पर रामानंद से झगड़ा हो गया और बहसबाजी के बीच धक्का लगने से वह चट्टान पर गिरकर बेहोश हो गया, कुछ देर बाद युवक की मौत हो गई। तब आरोपियों ने गांव से मिट्टी का तेल लाकर उसकी लाश को जला दिया और अगले 10 दिनों तक मृतक के परिजनों के साथ मिलकर तलाश करने का नाटक करते रहे। आरोपियों ने जंगल में लाश जलाने वाली जगह पर किसी को जाने नहीं दिया, मगर एक दिन गांव का कोई व्यक्ति उस तरफ चला गया और यह बात सभी को पता चल गई। पुलिस ने आरोपी राजमन, रामकुमार और सूरज को न्यायालय में पेश कर सेंट्रल जेल भेज दिया, जबकि वारदात के समय नाबालिग रहे चौथे आरोपी को किशोर न्यायालय के आदेश पर सम्प्रेषण गृह रीवा में दाखिल कराया है। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी वर्षा सोनकर के साथ एसआई केसरी प्रसाद वर्मा, एएसआई प्रहलाद कुशवाहा, एसएल रावत, प्रधान आरक्षक अखिलेश्वर सिंह, आरक्षक सतीश पटेल, अजय विश्वकर्मा, राहुल द्विवेदी और संजय यादव ने अहम भूमिका निभाई।

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