15 वर्षों बाद महाराष्ट्र से चुना गया मुस्लिम सांसद, मराठी में शपथ लेंगे शिवसेना के सांसद
15 वर्षों बाद महाराष्ट्र से चुना गया मुस्लिम सांसद, मराठी में शपथ लेंगे शिवसेना के सांसद
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र से पंद्रह वर्षों बाद मुस्लिम उम्मीदवार लोकसभा पहुंचा है। औरंगाबाद से लोकसभा चुनाव जीतने वाले एमआईएम के इम्तियाज जलील राज्य के पहले गैर कांग्रेसी मुस्लिम सांसद हैं। महाराष्ट्र में करीब 11 फीसदी मुस्लिम आबादी है। मुंबई सहित मराठावाडा, विदर्भ, कोकण और उत्तर महाराष्ट्र के कई इलाकों में मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं। गत 15 वर्षों से महाराष्ट्र से कोई मुस्लिम सांसद लोकसभा नहीं पहुंच सका था। कांग्रेस पार्टी ने 1989 से 2009 के दौरान रायगड से एआर अंतुले को उम्मीदवार दी थी। अंतुले चार बार लोकसभा पहुंचे। 2004 के लोकसभा चुनाव में वे अंतिम बाद लोकसभा के लिए चुने गए थे। उसके बाद महाराष्ट्र से कोई मुस्लिम नेता लोकसभा नहीं पहुंच सका। 2014 में अकोला से हिदायत पटेल को उम्मीदवारी दी थी। पटेल को कांग्रेस ने इस बार भी अकोला से उम्मीदवार बनाया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस ने 2008 के लोकसभा चुनाव में मावल सीट से आजम पानसरे को टिकट दिया था। ये उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सके। पूर्व मुख्यमंत्री अंतुले ने अपनी जाति पात से इतर छवि बनाई थी। जिसके चलते वे कई बार लोकसभा चुनाव जीतने में सफल रहे। अंतुले 1989, 1991, 1996 व 2004 में लोकसभा पहुंचे थे। 2004 के बाद महाराष्ट्र से कोई मुस्लिम सांसद लोकसभा चुनाव नहीं जीत सके। वोटो के बंटवारे के चलते 15 वर्षों बाद इस बार जलील लोकसभा चुनाव जीतने में सफल रहे हैं।
महाराष्ट्र से लोकसभा के लिए चुने गए मुस्लिम सांसद
अब्दुल शफी (चंद्रपूर)- 1971
गुलाम नबी आझाद (वाशीम)- 1980,1984
काजी सलीम (औरंगाबाद)- 1980
हुसेन दलवाई (रत्नागिरी)- 1984
ए. आर. अंतुले (रायगड)- 1989,1991, 1996, 2004
मराठी में शपथ लेंगे शिवसेना के सांसद
वहीं शिवसेना के नवनिर्वाचित सांसद लोकसभा सदस्यता की शपथ मराठी में लेंगे। लोकसभा चुनावों में शिवसेना ने भाजपा के साथ मिलकर राज्य की 48 में से 18 सीट जीती हैं। जबकि भाजपा को 23 सीटें मिली हैं। कल्याण से शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने बताया कि “सांसदों ने शपथ लेने के लिए अपनी पसंद की भाषा चुनी है। हम मराठी भाषा एवं अपनी मातृभूमि पर गर्व करते हैं। शिवसेना का उदय ही मराठी भाषा को बचाने एवं बढ़ावा देने के लिए हुआ था। इसलिए हमारे सारे सांसद मराठी में शपथ लेंगे। 17वीं लोकसभा का पहला सत्र छह जून से शुरू होकर 15 जून तक चलेगा।