नागपुर: कोरोना से निपटने जरुरत पड़ी तो हॉस्टलों का उपयोग कर सकता है प्रशासन
नागपुर: कोरोना से निपटने जरुरत पड़ी तो हॉस्टलों का उपयोग कर सकता है प्रशासन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। इधर बड़ी संख्या में संदिग्धों की भी जांच की जा रही है। मरीजों और संदिग्धों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने जरुरी प्रबंध करने शुरू कर दिए हैं। कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों को 14 दिनों तक क्वारेंटाइन किया जाता है। ऐसे में अब इन्हें रखने के लिए राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय समेत शहर के अन्य हॉस्टलों का उपयोग किया जा सकता है।
नागपुर महानगरपालिका इन हॉस्टलों को अपने अधीन लेने पर विचार कर रही है। मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे ने हाल ही में नागपुर यूनिवर्सिटी कुल गुरु डॉ. सिद्धार्थ विनायक काणे से चर्चा करके हॉस्टलों की मांग की है। विश्वविद्यालय भरत नगर स्थित नेलसेन मंडेला हॉस्टल देने के लिए भी तैयार है।
नागपुर में है 24 हॉस्टल
उल्लेखनीय है कि शहर में विविध शिक्षा संस्थानों के करीब 24 हॉस्टल है। इसमें से विश्वविद्यालय के चार बढ़े हॉस्टल है, जिनमें 700 व्यक्ति क्षमता है। इसके अलावा समाजकल्याण विभाग और आदिवासी विकास विभाग के हॉस्टल भी है। फिलहाल ये सभी हॉस्टल खाली है। कोरोना संक्रमण का अंदेशा पा कर संस्थानों ने कुछ सप्ताह पहले ही ये हॉस्टल खाली करा लिए है। ऐसे में अब इनका कोरोना संदिग्धों को क्वारेंटाइन करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। मामले में विवि प्रभारी कुलसचिव डॉ. नीरज खटी ने कहा है कि मनपा आयुक्त से हॉस्टलों की मांग आने के बाद विवि ने नेलसेन मंडेला हॉस्टल देने का निर्णय लिया है। जरुरत पड़ने पर मनपा इसका इस्तेमाल करेगी।