बोरवेल की 200 फीट से अधिक खुदाई करने पर होगी कार्रवाई
आदेश बोरवेल की 200 फीट से अधिक खुदाई करने पर होगी कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। सरकार ने भूजल अधिनियम कानून में बदल कर बोरवेल की 200 फीट से अधिक खुदाई करने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है। इस संदर्भ में सरकार ने सभी जिलाधीश कार्यालय में पत्र भेजकर इस कानून पर सख्ती से अमल करने का आदेश हाल ही में दिया है। फलस्वरूप बोरवेल की खुदाई करने वाले व्यावसासिकों में खलबली मच गयी है। निर्माणकार्य के लिये बड़े पैमाने पर पानी की आवश्यकता होती है। इसके लिये अनेक लोग अपने निर्माणकार्य स्थल पर पानी की आवश्यकता पूर्ण करने के लिये बोरवेल की खुदाई करते हंै। निर्माणकार्य के नाम पर लाखों लीटर पानी की बर्बादी की जाती है। जिससे पानी का स्तर कम होकर लोगों को जलकिल्लत का सामना करना पड़ता है। वर्तमान स्थिति में भी बड़े पैमाने पर विभिन्न निर्माणकार्य किये जा रहे हैं। इसमें भी अनेक लोग अपना निर्माणकार्य तत्काल पूर्ण करने के लिये अपने निमार्णकार्य स्थल पर बोरवेल की खुदाई कर रहे हैं।
वर्तमान स्थिति में राज्य में सभी ओर पानी की किल्लत महसूस की जा रही है। मात्र दूसरी ओर बोरवेल के माध्यम से लाखों लीटर पानी की बर्बादी होते दिखाई दे रही है। फलस्वरूप आनेवाले समय में भी लोगों को जलकिल्लत का सामना करना पड़ सकता है। इस ओर राज्य सरकार द्वारा गंभीरता से ध्यान देकर बोरवेल खुदाई करने, पानी के दोहन पर बंधन लाने वाले भूजल सर्वेक्षण विकास अधिनियम कानून में बदल कर 200 फीट से अधिक बोरवेल की खुदाई करनेवाले व्यक्तियों पर दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश जारी किये गये है। इस सदंर्भ में राज्य के सभी जिलाधीश कार्यालय में पत्र भेजकर कानून पर कड़ाई से अमल करने की सूचना दी है। यदि किसी उद्योजक और व्यावसायिक द्वारा इस कानून का उल्लंघन होने पर पहली बार सजा के रूप में 10 हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा। इसके बावजूद दोबारा गलती करने पर 6 माह का कारावास अथवा 25 हजार रुपए का जुर्माना ठोका जाएगा। ऐसी जानकारी भूजल सर्वेक्षण कार्यालय ने दी है। गड़चिरोली जिले में भी इन दिनों में बड़े पैमाने पर विभिन्न निर्माणकार्य किए जा रहे हैं। पानी की आवश्यकता पूर्ण करने के लिये बोरवेल भी किए जा रहे हैं। मात्र ऐसे में सरकार द्वारा आदेश जारी किए जाने से बोरवेल की खुदाई करनेवाले व्यवसायिकों में खलबली मच गयी है।