50 लाख के गबन का आरोपी प्रयागराज से गिरफ्तार, बैंक कियोस्क की आड़ में खाताधारकों की रकम हड़पने का आरोप
मध्य प्रदेश 50 लाख के गबन का आरोपी प्रयागराज से गिरफ्तार, बैंक कियोस्क की आड़ में खाताधारकों की रकम हड़पने का आरोप
डिजिटल डेस्क, सतना। कियोस्क सेंटर की आड़ में ग्राहकों के 50 लाख हड़प कर डेढ़ साल से फरार चल रहे आरोपी को चित्रकूट पुलिस ने प्रयागराज से गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। एसडीओपी आशीष जैन ने बताया कि नयागांव निवासी राजेश पुत्र हीरालाल यादव 35 वर्ष, के खिलाफ वर्ष 2021 में आईपीसी की धारा 409 और 420 का अपराध पंजीबद्ध किया गया था, तभी से उसकी तलाश चल रही थी। कई बार राज्य के बाहर भी टीमें भेजी गईं, मगर आरोपी हाथ नहीं आया।
तब नए सिरे से टीम बनाकर जांच प्रारंभ की गई, जिसमें मुखबिरों के साथ साइबर सेल को भी शामिल किया गया। कई महीनों की कोशिशों के बाद अंतत: आरोपी राजेश के प्रयागराज में छिपे होने की खबर आई तो पुलिस ने जाल बिछाया और 16 दिसंबर की रात को दबिश देकर पकड़ लिया। आरोपी के कब्जे से कार भी जब्त की गई। पूछताछ में आरोपी ने गबन की गई रकम से गाड़ी खरीदने के अलावा शराबखोरी और घूमने-फिरने में खर्च करने का खुलासा किया, जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।
बैंक मैनेजर को भी बनाया आरोपी
आरोपी राजेश यादव ने इंडियन बैंक के आधा सैकड़ा खाता धारकों के लगभग 50 लाख रुपए गबन करने का जुर्म स्वीकार करने के साथ ही फर्जीवाड़े के खेल में चित्रकूट ब्रांच के तत्कालीन मैनेजर प्रभात रंजन के शामिल होने की बात कही। इस बयान की तस्दीक के बाद पुलिस ने अपराध में बैंक मैनेजर को भी आरोपी बना दिया है। फिलहाल प्रभात की तैनाती महाराष्ट्र के पुणे में है।
ऐसे सामने आया फर्जीवाड़ा
आरोपी राजेश यादव को इंटिग्रा कंपनी के माध्यम से इंडियन बैंक (इलाहाबाद बैंक) का कियोस्क संचालित करने लाइसेंस जारी किया गया था, जिस पर उसने चित्रकूट के पर्यटन तिराहे में अपना कार्यालय खोल लिया और खातेधारकों के रुपए जमा करने और निकालने लगा। आरोपी लोगों से रुपए लेकर जमा पर्ची थमा देता था, स्थानीय होने के कारण कोई उस पर संदेह नहीं करता था, लेकिन जब अगस्त 2021 में नयागांव निवासी रामअवतार करवरिया ने बैंक जाकर पासबुक प्रिंट कराई तो पता चला कि खाते में 10 लाख रुपए कम हैं। पूछताछ करने पर बताया गया कि उक्त रकम जमा ही नहीं कराई गई। यह जानकारी सामने आते ही रामअवतार के होश उड़ गए। उन्होंने तुरंत थाने में शिकायत कर दी, जिस पर पुलिस जांच में जुट गई।
मामला थाने पहुंचने के बाद शिकायत करने वालों की संख्या बढ़ती चली गई, जिनमें छोटू सोनकर ने 20 हजार, उसके भाई ने 32 हजार और भतीजे ने 2 लाख 40 हजार रुपए खाते में जमा न होने की रिपोर्ट दर्ज कराई तो लोसरिहा के ही राजाराम ने 25 हजार का गबन होने की फरियाद लगाई। पुलिस ने जब सभी पीडि़तों के आवेदनों की जांच की तो गबन की राशि 50 लाख तक जा पहुंची।
दबाव बढ़ा तो हो गया गायब, पिता ने दर्ज करा दी गुमशुदगी
जब खाताधारकों, बैंक और पुलिस का दबाव बढऩे लगा तो सितंबर माह में आरोपी राजेश अपना कियोस्क बंद कर गायब हो गया। वहीं उसके पिता हीरालाल ने चित्रकूट थाने में जाकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी, इतना ही नहीं पुलिस अधीक्षक से लेकर आलाधिकारियों तक आवेदन भेजकर तलाश की गोहार लगाने लगा। पिता ने बेटे के साथ अनहोनी होने की भी आशंका जताई थी, हालांकि तब भी इसे जांच से ध्यान भटकाने की कोशिश ही माना गया था। वहीं अब आरोपी की गिरफ्तारी के बाद तो गुमशुदगी के नाटक का पर्दाफाश