तेंदूपत्ता संकलन से मालामाल होंगी गड़चिरोली जिले की 828 ग्रामसभाएं
खुली किस्मत तेंदूपत्ता संकलन से मालामाल होंगी गड़चिरोली जिले की 828 ग्रामसभाएं
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली । आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में सरकार ने पेसा कानून का गठन किया है। पेसा कानून में किए गये प्रावधानों का उपयोग करते हुए जिले में कुल 1 हजार 400 ग्रामसभाएं गठित की गयी है। इन सभी ग्रामसभाओं को वनों के सर्वाधिकार बहाल किये गए है। इन्हीं में से जिले की कुल 828 ग्रामसभाओं ने इस वर्ष अपने स्तर पर तंेदूपत्ता संकलन करने का निर्णय लिया है। 8 से 10 ग्रामसभाओं को मिलाकर महाग्रामसभा का गठन करते हुए यह कार्य आरंभ करने का नियोजन किया गया है। गत वर्ष भी ग्रामसभाओं द्वारा अपने स्तर पर तेंदूपत्ता संकलन करने से संबंधित ग्रामसभाओं समेत संग्राहकों को काफी लाभ पहुंचा था।
बता दें कि, राज्य के आिखरी छोर पर बसे गड़चिरोली जिले में प्रचूर मात्रा में वनसंपदा उपलब्ध है। जिले के जंगल में तेंदूपत्ता के पेड़ों की संख्या काफी मात्रा में है। भले ही यह जिला उद्योग विरहित के रूप में पहचाना जाता हो, लेकिन जिले की वनसंपदा स्थानीय मजदूरों को दो जून की रोटी उपलब्ध करवा रहीं है। मई माह के शुरुआती दिनों से करीब 15 दिनों तक ग्रामीणों को तेंदूपत्ता संकलन से रोजगार प्राप्त हाेता है। गड़चिरोली जिले में मौजूद तेंदूपत्ते का दर्जा काफी ऊंचा होने के कारण इसकी मांग समूचे देश में है। तेंदूपत्ते को अच्छा-खासा दर भी उपलब्ध होता है। वहीं दूसरी ओर इसके माध्यम से मजदूरों को लगातार पंद्रह दिनों का रोजगार भी उपलब्ध होता है। एक मजदूर इस अवधि में करीब 10 से 15 हजार रुपए कमा लेता है। तेंदूपत्ता का मौसम खत्म होते ही बारिश शुरू होने से मजदूर खेती कार्य में जुट जाते हंै। संकलन के कार्य से प्राप्त मजदूरी से ही मजदूर अपने खेतों में बुआई और रोपाई का कार्य भी करते हंै। जिले में इसके पूर्व वनविभाग के माध्यम से तेंदूपत्ता संकलन का कार्य होता है। मात्र पेसा कानून लागू होते ही ग्रामसभाएं अपने स्तर पर यह कार्य करने लगी हंै। इस वर्ष जिले की 828 ग्रामसभाओं ने अपने स्तर पर ही तेंदूपत्ता संकलन करने का नियोजन किया है।
धानोरा तहसील की मेंढ़ा (लेखा) ग्रामसभा ने जिले में सर्वप्रथम अपने स्तर पर तंेदूपत्ता संकलन का कार्य आरंभ किया था। इस ग्रामसभा की तरक्की देख अब अन्य ग्रामसभाओं ने भी अपने स्तर पर ही संकलन का कार्य करना शुरू किया। धानोरा तहसील की ही मोहगांव ग्रामसभा ने करीब 19 गांवों को अपनी महाग्रामसभा में शामिल करते हुए तेंदूपत्ता संकलन का कार्य करने का फैसला लिया है। संकलन का कार्य खत्म होते ही ग्रामसभाएं सूखे तेंदूपत्ते को सीधे बीड़ी कंपनी को बेचेगी। इस बिक्री से प्राप्त राजस्व से मजदूरों को मेहनताना के साथ बोनस भी प्रदान किया जाएगा। शेष राशि गांव के विकास पर खर्च की जाती है।