तत्कालीन सीईओ समेत 8 को तीन साल की कैद, विचारण के दौरान 13 में से 5 आरोपियों की हो चुकी मौत
शिक्षाकर्मी घोटाला तत्कालीन सीईओ समेत 8 को तीन साल की कैद, विचारण के दौरान 13 में से 5 आरोपियों की हो चुकी मौत
डिजिटल डेस्क सतना। जिले के बहुचर्चित शिक्षाकर्मी घोटाले के जनपद अमरपाटन के 20 साल पुराने मामले में सेवा नियमों को दरकिनार रिकार्डो में कांट-छांट कर अपात्रों को लाभ पहुंचाने के मामले में दोषी पाए गए तत्कालीन जनपद सीईओ समेत 8 आरोपियों को अदालत ने 3 साल के कारावास की सजा से दंडित किया है। पीसी एक्ट के इस्पेशल जज अनुराग द्विवेदी की कोर्ट ने आईपीसी के सेक्शन 468, 471 और 120बी का अपराध करने का दोषी मानते हुए आठों दोषियों पर 17-17 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक फखरुद्दीन ने पक्ष रखा।
स्वीकृत से अधिक पदों पर अपात्रों की भर्ती ---
वर्ष 1998 में जिले में हुए शिक्षाकर्मी वर्ग 1, 2, 3 भर्ती घोटालों पर स्थानीय अखबारों में छापी खबरों पर तत्कालीन लोकायुक्त मप्र ने स्वत: संज्ञान लेते हुए घोटाले की जांच कराई थी। जिसके बाद अमरपाटन जनपद में हुए शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाले पर लोकायुक्त कार्यालय रीवा में मामला दर्ज किया गया और जिले में हुए शिक्षाकर्मी घोटाले में छापा मारा गया और पृथक-पृथक जनपदों के मामलों में पृथक-पृथक एफआईआर दर्ज की गई। जनपद पंचायत अमरपाटन जिला सतना में शिक्षा कर्मी वर्ग-3 के कुल 176 पद और राजीव गॉंधी शिक्षा के 64 पद स्वीकृत थे। जिनके लिए चयन समिति, शिक्षा समिति जनपद अध्यक्ष व राजीव गॉधी शिक्षा मिशन के अध्यपक्ष एवं सदस्यों के द्वारा वरिष्ठता क्रम से योग्यता के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन करने की जिम्मेदारी थी। लेकिन इनके द्वारा न केवल रिकार्डो में कांट-छांट कर अंकों में हेराफेरी की गई और स्वीकृत पदों से अधिक अभ्यर्थियों का चयन कर नियुक्तियां दी गईं।
4 साल की जांच, 13 के विरूद्ध चालान ---
लोकायुक्त ने करीब चार साल की जांच के बाद शिक्षाकर्मी वर्ग-3 के हुए घोटाले में 13 के विरूद्ध आरोप पत्र 2002 में पेश किया। प्रकरण के विचारण के दौरान 5 आरोपियों की मृत्यु हो गई। अभियोजन ने घोटाले को प्रमाणित करने के लिए 33 साक्षियों के साथ 493 दस्तावेजों को पेश किया। वहीं बचाव पक्ष ने 10 से अधिक साक्षियों के कथन अपनी बेगुनाही में अदालत के समक्ष प्रस्तुत किए।
इन्हें हुई सजा ---
अमरपाटन जनपद के तत्कालीन जनपद सीईओ अरूण कुमार श्रीवास्तव पिता भगवत प्रसाद श्रीवास्तव निवासी लक्ष्मी नारायण मार्ग व्यौहारी जिला शहडोल, तत्कालीन सहायक शाला निरीक्षक विकाश शिक्षा अधिकारी कार्यालय भुवनेश्वर प्रसाद मिश्रा पिता रामेश्वर प्रसाद मिश्रा निवासी ग्राम डोमा- अमरपाटन, तत्कालिक सहायक ग्रेड. 3 प्रभारी लिपिक अनंत कुमार शुक्ला पिता रामजी प्रसाद शुक्ला निवासी ग्राम हरदुआ-रामनगर, तत्कालीन व्याख्याता बालक माध्यमिक विद्यालय शिवबहादुर सिंह पिता अर्जुन सिंह परिहार निवासी ग्राम बरहटा-मउगंज जिला रीवा तत्कालीन अध्यक्ष सामान्य प्रशासन समिति दुअसिया पटेल पति रामदयाल पटेल निवासी ग्राम रैकवार- अमरपाटन, तत्कालीन अध्यक्ष स्थायी शिक्षा समिति चयन समिति देवेन्द्र त्रिपाठी पिता रोहिणी प्रसाद त्रिपाठी निवासी ग्राम ताला, तत्कालीन सदस्य स्थायी शिक्षा समिति चयन समिति किशन राज सिंह पिता तिलकराज सिंह निवासी त्योंधरी- अमरपाटन और तत्कालीन सदस्य स्थायी शिक्षा समिति चयन समिति गुरूचरण सिंह पिता बृजेन्द्र सिंह निवासी भीष्मपुर-अमरपाटन को अदालत ने सजा सुनाई है।