कोटा से छात्रों को लाने रवाना हुई 70 बसें,14 दिन तक घरों में रहना होगा क्वारंटाइन
कोटा से छात्रों को लाने रवाना हुई 70 बसें,14 दिन तक घरों में रहना होगा क्वारंटाइन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। लॉकडाउन के कारण राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को लाने के लिए महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन महामंडल (एसटी) की 70 बसें धुलिया के डिपो से रवाना हो गई है।बुधवार को एसटी महामंडल ने यह जानकारी दी। धुलिया से कोटा 630 किमी की दूरी पर है। इसलिए हर बस में दो ड्राइवरों की नियुक्ति की गई है। एसटी महामंडल की ओर से ड्राइवरों को मॉस्क और सैनिटाइजर उपलब्ध कराए गए हैं।
एसटी की बसें मध्यप्रदेश के मंदसौर और रतलाम के रास्ते कोटा पहुंचेगी। सभी बसें बुधवार देर रात को कोटा पहुंच जाएंगी। इसके बाद गुरुवार को विद्यार्थियों को वापस लाया जाएगा। हर बस में लगभग 20 विद्यार्थियों को बैठाया जाएगा। कोटा में महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों के डेढ़ हजार से अधिक विद्यार्थी फंसे हुए हैं। ये सभी छात्र कक्षा 12 वीं के बाद इंजीनियरिंग और मेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कीकोचिंग के लिए कोटा में हैं। लॉकडाउन के कारण परिवहन सेवा बंद होने से विद्यार्थी वहीं पर फंसे हुए हैं। विद्यार्थियों के अभिभावकों ने राज्य सरकार से विद्यार्थियों को वापस लाने की मांग की थी। जिसके बाद राज्य सरकार ने विद्यार्थियों को वापस लाने के लिए फैसला किया है।
इसके पहले राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने मंगलवार देर रात एक ट्वीट किया कि ‘महाराष्ट्र के 1780 छात्र कोरोना के खिलाफ लगाए गए लॉकडाउन के कारण राजस्थान के कोटा में फंसे हुए हैं।
माननीय मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार एमएसआरटीसी की 92 बसें 29 अप्रैल 2020 को छात्रों को वापस घर लाने के लिए धुले से रवाना होंगी। इस बारे में एमएसआरटीसी अधिकारी ने बताया कि उन्हें 92 बसें भेजनी थी लेकिन यह संख्या कम कर दी गई क्योंकि रायगढ़ तथा बीड जैसे जिलों ने कोटा से छात्रों को वापस लाने के लिए निजी बसें भेजीं हैं। महाराष्ट्र आपदा मोचन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया था कि वापसी पर छात्रों को घर में 14 दिन तक अनिवार्य रूप से क्वारेंटाईन करने के बाद अपने अभिभावकों के साथ चिकित्सा जांच करानी होगी। ऐसे संकेत मिले हैं कि कुछ बड़े शहरों में बंद की अवधि बढ़ाई जा सकती है जहां कोरोना वायरस संबंधी स्थिति अभी तक नियंत्रण में नहीं है। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने छात्रों को वापस लाने का फैसला किया।