बजट में देश के 7 करोड़ दिव्यांगों की अनदेखी
शंकरबाबा पापलकर बोले बजट में देश के 7 करोड़ दिव्यांगों की अनदेखी
डिजिटल डेस्क, अमरावती। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद में बजट प्रस्तुत किया। अनाथों के नाथ शंकरबाबा पापलकर ने बजट पर कहा कि देश के 7 करोड़ दिव्यांगों की अनदेखी की गई है, जो किसी भी स्तर पर उचित नहीं है। हैरानी की बात यह है कि नाममात्र के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है जो ऊंट के मुंह में जीरा है। हमें बजट में कम से कम 5 हजार करोड़ रुपए के प्रावधान की आशा थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उल्लेखनीय है कि अमरावती जिले के वझ्झर स्थित स्व. अंबादासपंत वैद्य अनाथ दिव्यांग बाल गृह के संचालक शंकरबाबा पापलकर 123 दिव्यांग बच्चों को पिता का नाम दिया। वह लावारिस दिव्यांगों का पालन-पोषण कर रहे हैं। उन्होंने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश में करीब 7 करोड़ दिव्यांग हैं और उनमें भी 1 करोड़ दिव्यांग ऐसे हैं जो लावारिस हैं और सड़क आदि जगह रहकर अपना जीवनयापन करते हैं, लेकिन उनके बारे में इस बजट में गंभीरता से नहीं सोचा गया। दिव्यांगों को सक्षमीकरण की अत्यन्त आवश्यकता है और बजट में प्रावधान कर उनके लिए काम किया जा सकता था। दिव्यांगों को जैसे अलग नाम “दिव्यांग’ देकर प्रोत्साहित किया गया है ठीक वैसे ही विशेष बजट के माध्यम से सरकार को मदद का हाथ बढ़ाना चाहिए था।