श्रीराम सिटी फाइनेंस कंपनी पर 50 हजार का जुर्माना

कोरोना काल में वाहन जब्त करना पड़ा महंगा श्रीराम सिटी फाइनेंस कंपनी पर 50 हजार का जुर्माना

Bhaskar Hindi
Update: 2022-06-10 12:10 GMT
श्रीराम सिटी फाइनेंस कंपनी पर 50 हजार का जुर्माना

डिजिटल डेस्क, भंडारा।  बेटे की बीमारी व कोरोना में व्यवसाय ठप होने से दोपहिया वाहन की किश्त भरने में विलंब होने पर वाहन जब्त करने वाली श्रीराम सीटी फाइनेंस कंपनी पर जिला ग्राहक शिकायत निवारण आयोग ने 50 हजार रुपए का हर्जाना व माससिक, आर्थिक, शारीरिक परेशानी के लिए दस हजार रुपए खर्च देने के आदेश दिए। तुमसर तहसील के बपेरा ग्राम निवासी मछली व्यवसायी गोपीचंद फत्तूजी सोनवने (50) ने वर्ष 2017 में श्रीराम सिटी फाइनेंस कंपनी के जरिए 42 हजार रुपए कर्ज लेकर बाकी रुपए  खुद अदा कर 62 हजार रुपए की हीरो पैशन गाड़ी खरीदी थी। गोपीचंद को तीन वर्ष में कर्जदाता कंपनी को हप्ते देकर कर्ज चुकता करना था। वह नियमित कर्ज अदा कर रहा था। वर्ष 2019 में अक्टूबर माह में गोपीचंद के बेटे की तबीयत बिगड़ गई और अस्पताल में भारी खर्च आ गया। इससे वह कर्ज के हफ्ते नहीं चुका पाया।

 बाद में जब रुपए आए तो उसने एक साथ दस हजार रुपए कर्जदाता कंपनी में देने चाहे लेकिन कंपनी ने रुपए लेने से इनकार कर दिया। 11 मार्च को अचानक कंपनी ने वाहन जब्त किया तो गोपीचंद ने दस हजार रुपए देने की बात कही। लेकिन कंपनी ने रुपए नहीं लिए। कंपनी ने दोपहिया जब्त कर तीसरे व्यक्ति को बेच दी। उस समय गोपीचंद पर कंपनी के केवल पंद्रहाहजार रुपए बकाया थे। कंपनी ने दोपहिया 42 हजार रुपए में किसी और को बेच दी। इस पर मछली व्यवसायी गोपीचंद सोनवने ने एड. आर. एम. वाड़ीभस्मे के माध्यम से जिला ग्राहक शिकायत निवारण आयोग भंडारा में प्रकरण दाखिल किया। इस प्रकरण में अधिवक्ता वाड़ीभस्मे ने गोपीचंद का पक्ष रखा। जबकि कंपनी का पक्ष एड. किशोर बी. लांजेवार ने रखा। सभी दलीलंे सुनने के बाद आयोग अध्यक्ष भास्कर बी. योगी ने श्रीराम सिटी फाइनेंस कंपनी को शिकायतकर्ता को हुई परेशानी के लिए हर्जाने के रूप में 50 हजार रुपए 30 दिन में देने के निर्देश दिए। साथ ही प्रकरण के लिए आए खर्च के एवज में दस हजार रुपए अदा करने के आदेश दिए। 
 

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