ताड़ोबा के बफर और कोर जोन में हुए 4918 वन्यप्राणियों के दर्शन
चंद्रपुर ताड़ोबा के बफर और कोर जोन में हुए 4918 वन्यप्राणियों के दर्शन
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर/गड़चिरोली। जिलों में वनविभाग की ओर से बुद्ध पूर्णिमा के उपलक्ष्य में मचान से वन्यजीव निरीक्षण का आयोजन किया गया। विभिन्न स्थानों पर बनाए गये मचानों पर पर्यटकों ने पूरी रात जागकर वन्यजीवों का दीदार किया गया। इस दौरान चंद्रपुर के ताड़ाेबा के बफर और कोर जोन में 4918 वन्यजीवों को दर्ज किया गया।
बुद्ध पूर्णिमा पर वन विभाग ने घने वनों में प्रकृतिप्रेमियों के लिए बनाए थे मचान
-बाघों का घर कहे जानेवाले ताड़ोबा अंधारी बाघ प्रकल्प में दो वर्ष बाद सोमवार 16 मई को बुद्ध पूर्णिमा के दिन चांद की रोशनी में 98 मचानों से 294 प्रगणनों को कुल 4 हजार -918 वन्यजीव दिखे। ताड़ोबा के कोअर व बफर क्षेत्र में हुई गणना में 44 बाघ, 11 तेंदुए समेत 19 विविन्न प्रकार के वन्यजीव देखे गए।
-ताड़ोबा प्रबंधन ने जारी किए डाटा अनुसार ताड़ोबा के कोअर क्षेत्र में 23 बाघ तो बफर में 21 बाघ दिखे। जबकि तेंदुआ कोअर में 4 तो बफर में 7 दिखे। वहीं अन्य वन्यजीवों की दोनों जोन के कुल आंकड़ों की बात करें तो जंगली श्वान 36, भालू 22, इंडियन गौर 325, हिरण 1209, सांबर 942, आवाज निकालनेवाली हिरण 142, चौसिंगा 10, जंगली सुअर 1269, निलगाय 112, लंगुर 468, प्लाम सीवेट 24, स्माॅल इंड सीवेट 6, बिज्जू 7, जंगली बिल्ली 7, साही 2, मुंगूस 37 तो 245 मोर दिखाई दिए। चिंकारा व पेंगोलिन नहीं दिखे। इस तरह कुल 4 हजार 918 वन्यजीवा दिखे। हर मचान पर 2 वन्यजीव प्रेमी व 1 गाइड इस तरह से कुल 98 मचानों पर 294 प्रगणनों ने गणना की।
-दो वर्ष बाद हुई गणना : बता दंे कि, बुद्ध पूर्णिमा के दिन हर वर्ष वन्यजीवों की गणना होती है किंतु विगत दो वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण प्रगणना नहीं हो पायी थी। ऐसे में कोरोना का असर कम होने के चलते इस वर्ष प्रगणना का आयोजन किया गया था। सुरक्षा की दृष्टि से डाक्टर, एम्बुंलस की व्यवस्था भी की गई है। गणना के लिए वन्यजीव प्रेमियों के लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई गई थी।
-अलग-अलग स्थानों से वन्यजीव प्रेमी आने के चलते बुकिंग फुल हो गई थी। सोमवार को सुबह ही प्रगणनों को उनके निश्चित मचान पर पहुंचाया गया था। उन्हें एक चार्ट दिया गया था, जिसमें 24 घंटे में कितने वन्यजीव दिखते हैं, उसका पंजीयन करना था।