सरकारी योजनाओं में 49 करोड़ का छल
उड़ाया जा रहा मजाक सरकारी योजनाओं में 49 करोड़ का छल
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहरी गरीब और जरूरतमंदों को ‘अपना घर’ उपलब्ध कराने केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत ‘सबको घर’ देने की योजना शुरू की गई। योजना अंतर्गत लाभार्थी को 2.50 लाख रुपए तक अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। इसमें केंद्र सरकार प्रति लाभार्थी 1.50 लाख रुपए और राज्य सरकार 1 लाख रुपए तक अनुदान देती है। मनपा ने इसके लिए 2328 लाभार्थियों का चयन भी किया, लेकिन केंद्र सरकार ने योजना अंतर्गत अब तक फूटी कौड़ी भी मनपा को उपलब्ध नहीं कराई है। दूसरी ओर, राज्य सरकार ने जो पैसा दिया है, नागपुर महानगरपालिका उसे भी बांटने में असमर्थ साबित हो रही है। खुद मनपा द्वारा उपलब्ध कराए दस्तावेजों में इसका खुलासा हुआ है। ऐसे में सरकार और मनपा पर ‘अपना घर’ की चाहत रखने वाले गरीब और जरूरतमंदों का ‘मजाक’ उड़ाने का आरोप लग रहा है।
योजना इस तरह दिया जा रहा लाभ : शहर में झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण द्वारा गरीब और जरूरतमंदों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जा रहा है। योजना अंतर्गत मनपा का झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण लाभार्थियों को घर बनाकर नहीं दे रही, बल्कि उन्हें घर बनाने में सहयोग के रूप में 2.50 लाख रुपए तक अनुदान उपलब्ध करा रही है। जिनका ले-आउट अधिकृत है, स्लम नोटिफाइड या बिल्डिंग नक्शा मंजूर है, ऐसे गरीब और जरूरतमंदों को घर बनाने के लिए मनपा द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत लाभ देने का निर्णय लिया गया है।
लाभार्थी आर्थिक मुसीबत में: नागपुर महानगरपालिका से अनुदान नहीं मिलने के कारण हजारों लाभार्थियों पर आर्थिक संकट गहरा गया है। कई लोगों ने ये सोचकर दूसरों से कर्ज लिया था कि जैसे ही मनपा से उन्हें अनुदान मिलेगा, वह उनका कर्ज भुगतान कर देंगे। अनुदान नहीं मिलने की वजह से कई गरीब और जरूरतमंदों के निर्माणकार्य अधर में है। हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया कि केंद्र और राज्य सरकार से अनुदान क्यों नहीं मिल पाया है जो अनुदान मनपा को मिला है, उसे मनपा आवंटित क्यों नहीं कर पा रही है।
महत्वपूर्ण योजना हवा में : 2019 से 2021 तक मनपा ने कुल 2328 प्रकरणों को मंजूर कर इन्हें अनुदान के पात्र माना है। केंद्र और राज्य सरकारों को भी इसका प्रस्ताव भेजा गया है। केंद्र सरकार को इन लाभार्थियों के लिए 29.67 करोड़ अनुदान और राज्य सरकार को 19.78 करोड़ रुपए का अनुदान मनपा को उपलब्ध कराना था, ताकि लाभार्थियों तक यह अनुदान पहुंच सके और वे अपने सपनों को पूरा कर सके। लेकिन केंद्र सरकार ने 2019 से लेकर 2021 तक यानी शुरू से अब तक मनपा को एक पैसा अर्थात कोई अनुदान उपलब्ध नहीं कराया है। राज्य सरकार ने 2019 में 45.20 लाख रुपए उपलब्ध कराया था, इसके बाद राज्य से भी मनपा को कोई पैसा नहीं मिला है। विशेष यह कि मनपा ने 2328 लाभार्थियों में से सिर्फ 4 प्रकरणों में एक-एक लाख रुपए अनुदान दिया है। शेष 1.50 लाख रुपए का अनुदान अब तक नहीं मिला है। ऐसे में लाभार्थियों का ‘अपना घर’ का सपना मझधार में अटकने का आरोप है।