अमरावती में शंकरबाबा पापलकर के 48 दिव्यांगों ने किया मतदान, नव दंपति ने भी डाला वोट
अमरावती में शंकरबाबा पापलकर के 48 दिव्यांगों ने किया मतदान, नव दंपति ने भी डाला वोट
डिजिटल डेस्क, अमरावती। वरिष्ठ समाजसेवी शंकरबाबा पापलकर के आश्रमशाला के दिव्यांग व दिव्यचक्षु प्रौढ़ छात्र-छात्राओं ने गुरूवार को मतदान कर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। अचलपुर समीपस्थ वझ्झर में स्व.अंबादासपंत वैद्य मतिमंद, मूकबधिर बालगृह 1990 से स्थित है। वझ्झर से मतदान केंद्र दो किलोमीटर की दूरी पर रहने से इन दिव्यांग मतदाताओं के लिए प्रशासन ने वाहन की व्यवस्था की। सभी दिव्यांग मतदाताओं के लिए अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र-42 जिप प्राथमिक मराठी कन्या शाला, रूम नंबर 1 नेहरू मैदान अचलपुर कैम्प, व मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र-41 जिप प्राथमिक मराठी शाला-1 वझ्झर रखा गया। आश्रमशाला के दिव्यांग मतदाता सुबह 11 बजे मतदान करने पहुंचे।12 बजे तक मतदान हुआ। बालगृह के 48 दिव्यांग मतदाताओं ने मतदान किया।
दाम्पत्य जीवन में प्रवेश करते ही पार्वती नगर स्थित अस्मिता स्कूल के मतदान केंद्र पर मतदान अतुल नानोटकर और उनकी दुल्हन रश्मि खेड़कर नानोटकर करने पहुंचे ।
शंकरबाबा पापलकर ने कहा कि डॉ. बाबासाहब आंबेडकर द्वारा रचित भारतीय संविधान में हर व्यक्ति को मतदान का अधिकार मिला है। इसके चलते आज हमने व हमारे48 दिव्यांग बालक-बालिकाओं ने मतदान किया। जिसमें चार नेत्रहीन, 10 पोलिओग्रस्त, 15 मूकबधिर तथा 19 मतिमंद बालकों का समावेश है। मेरे बच्चों ने मतदान कर मुझे खुशी प्रदान की है। इसके लिए मैं जिलाधिकारी शैलेश नवाल का शुक्रगुजार हूं। उन्हीं के प्रयासों से यह कार्य पूरा हो सका है।
आज हम नेत्रहीन तथा दिव्यांगहोकर भी मतदान का महत्व समझते है। तथा मतदान हेतु मतदान केंद्र पर पहुंचकर मतदान करके पूर्णत: नागरिकता को पाते है। देश के सभी युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक सभी तबके के लोगों ने मतदान का महत्व समझना बेहद जरूरी है। मतदान करना हर नागरिक का कर्तव्य है और अपने कर्तव्य को हर नागरिक ने निभाना चाहिए। यह प्रतिक्रिया दिव्यांग तथा नेत्रहीन मतदाताओं ने इस समय व्यक्त की।
संपूर्ण भारत खंड में दिव्यांगों का यह एकमात्र पुनर्वास केंद्र है। इस बाल गृह के बच्चों को शंकर बाबा ने पिता का साया देकर उनके पालन पोषण का जिम्मा लिया है।गुरूवार 18 अप्रैल को शंकर बाबा पापड़कर के 48 बच्चों ने मतदान किया।मतदान करने के बाद उन्होंने नागरिकता पाने की खुशी जताई।
मतदान करने के बाद उन्हें वापस बालगृह में छोडने की व्यवस्था भी प्रशासन ने करवायी। मतदान करते समय इन दिव्यांग मतदाताओं में उत्साह दिखाई दिया। अंबादासपंत वैद्य मतिमंद, मूकबधिर बालगृह लावारिस दिव्यांग छात्र-छात्राओं के पुनर्वास कर रहा है। आज इस संस्था में 123 लावारिस दिव्यांग प्रवेशित है।