इरई नदी की ब्लू लाइन से शहर का 450 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित
चंद्रपुर इरई नदी की ब्लू लाइन से शहर का 450 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर । इरई नदी चंद्रपुर शहर से सटकर 7 किमी तक बहती है। बाढ़ परिस्थिति में इरई का पानी शहर में आने से नागरिकों की संपत्ति का बड़े पैमाने पर नुकसान होता है। शहर में कुछ क्षेत्र ऐसे ही हंै जहां ब्लू लाइन है परंतु वर्षों से वहां पानी का एक बुंद भी नहीं पहुंचा है। इस संबंध में नए से विचार करने का समय आ गया है। ब्लू लाइन से शहर के करीब 450 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित होने की जानकारी राज्य के वनमंत्री तथा जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने दी। नियोजन सभागृह में चंद्रपुर शहर के बाढ़ नियंत्रण रेखा संबंध में जायजा लेते समय वे बोल रहे थे। इस समय सहायक जिलाधिकारी रोहन घुगे, मनपा आयुक्त विपिन पालीवाल, जलसंपदा विभाग के अधीक्षक अभियंता पाटील, कार्यकारी अभियंता काले, निवासी उपजिलाधिकारी विशालकुमार मेश्राम आदि उपस्थित थे।
इरई नदी के रेड व ब्लू लाइन संबंध में इसके पूर्व मुंबई आईआईटी ने सर्वे किया था, ऐसा बताकर पालकमंत्री मुनगंटीवार ने कहा कि, वर्तमान में चंद्रपुर शहर में रेड लाइन 181.10 मीटर तो ब्लू लाइन 179.6 मीटर पर है। जिस जमीन पर कभी पानी नहीं आया, ऐसी कुछ जमीनें ब्लू लाइन में आने की बात सामने आयी है। चंद्रपुर शहर का करीब 450 हेक्टेयर क्षेत्र ब्लू लाइन से प्रभावित होता है। यह क्षेत्र बड़ा है। बेवजह नागरिक इसमें न फंसे, इसलिए चंद्रपुर महानगर पालिका व सिंचाई विभाग ने फिर एक बार संयुक्त सर्वे कर ठीक तरह से रिपोर्ट तैयार करें। इस संबंध में मुंबई में उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में संबंधित विभाग के प्रमुखों के साथ बैठक ली जाएगी। आईआईटी ने किए सर्वे का सरकार के एमआर-सैट द्वारा फिर से जांच पड़ताल करना जरूरी है, ऐसा उन्होंने बताया।
वर्ष 1891 में की थी 183.06 मीटर की मार्किंंग
चंद्रपुर शहर में 3 सितंबर 1891 को आयी बाढ़ की पठानपुरा गेट पर 183.06 मीटर मार्किंग है। इसके बाद जुलाई 1913 में 180.06 मीटर, अगस्त 1958 में 181.33 मीटर, सितंबर 1959 में 180.89 मीटर, अक्टूबर 1986 में 180.76 मीटर मार्किंग होने की जानकारी अधीक्षक अभियंता पाटील ने बैठक में दी।