गड़चिरोली जिले के 41 गांव सौर ऊर्जा से हुए प्रकाशमान
विकास गड़चिरोली जिले के 41 गांव सौर ऊर्जा से हुए प्रकाशमान
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। यूं तो गड़चिरोली जिले की भौगोलिक स्थिति से कोई अनजान नहीं है। यहां के अतिदुर्गम और पहाड़ी क्षेत्र के गांवों तक पहुंचने के लिये कई तरह की मशक्कतें उठानी पड़ती है। ऐसे में इन गांवों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाना न के बराबर है। लेकिन जिला प्रशासन ने इस नामुमकिन काम को मुमकिन बनाते हुए जिन गांवों तक पहुंचा नहीं जा सकता ऐसे गांवों में भी बिजली सुविधा उपलब्ध करायी है। जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बिजली वितरण कंपनी के अधिकारियों ने जिले के कुल 41 गांवों में बिजली सुविधा उपलब्ध कराने सोलर एनर्जी की मदद लेते हुए गांवों को आजादी के 75 वर्ष बाद प्रकाशमान किया है। अब ये गांव भी विकास की मुख्य धारा से जुड़ने लगे हैं।
भामरागढ़ तहसील के दोभुर, गुंड़ापुरी, विसामुंडी आदि गांव पहाड़ी क्षेत्र में बसे हुए हंै। इन गांवों तक पहुंचने के लिये कच्ची या पक्की सड़क अब तक नहीं बन पायी है। उपरोक्त गांवों तक बिजली पहुंचाने के लिये बिजली खम्भे भी नहीं लगाये जा सकते। इसलिए इन गांवों के आदिवासी नागरिक आजादी के सात दशक बाद भी अपना गुजर-बसर अंधेरे में कर रहें हंै। अहेरी तहसील के मुखानपल्ली, अंबेझरा, कल्लेड़, कोंजेड आदि गांवों की स्थिति भी बद से बदतर है। संबंधित गांव भी सरकार की अनेक कल्याणकारी योजनाओं से वंचित है। गांवों के लिये बिजली जैसी बुनियादी सुविधा एक ख्वाब की तरह है। इन गांवों के आदिवासी नागरिकों को भी रोशनी में अपना जीवन यापन करने का हक है। लोगों को विकास की मुख्य धारा में जोड़ने के लिये जिलाधीश संजय मीणा ने जिला ग्रामीण विकास यंत्रणा के माध्यम से निधि का प्रावधान किया। इस निधि से संबंधित 41 गांवों के लिये सोलर एनर्जी की मशीनें खरीदी की गयीं। सोलर एनर्जी के माध्यम से गांवों के सभी घरों तक बिजली की तारें पहुंचायी गयीं। इससे गांवों के आदिवासी नागरिकों में हर्ष का माहौल है। यहां बता दें कि, संबंधित ग्रामीणों को ग्रापं पंचायत कार्यालय में बिजली के ऐवज में प्रति माह नाममात्र राशि अदा करनी होगी। जिसके लिए संबंधित ग्रापं ने कार्य आरंभ भी कर दिया है।