पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले 32 उद्योगों को बंद करने के निर्देश
पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले 32 उद्योगों को बंद करने के निर्देश
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पर्यावरण को चोट पहुंचाने वाले डेढ़ दर्जन उद्योगों की बैंक गारंटी प्रदूषण नियंत्रण मंडल की तरफ से जब्त कर दी गई है। पर्यावरण मानकों का उल्लंघन करने Nवाले 32 उद्योगों को बंद करने के निर्देश दिए जाने का खुलासा आरटीआई में हुआ है।
समय-समय पर होती है समीक्षा
उद्योग चलाते समय प्रदूषण नियंत्रण मंडल की तरफ से जारी गाइडलाइन पर अमल करना पड़ता है। पर्यावरण को हानि न पहुंचे और उद्योगों से प्रदूषण न बढ़े, इसका विशेष ख्याल रखना पड़ता है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल प्रदूषण के ग्रेड की समय-समय पर समीक्षा करता है। इसके अलावा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को नोटिस जारी कर सुधार करने की नसीहत देते रहता है। मंडल ने उद्योग चलाकर शहर व आसपास के जिले की आबो हवा खराब करनेवाले नामी-गिरामी 32 उद्योगों को बंद करने के डायरेक्शन दिए हैं। इसके अलावा 18 ऐसे उद्योग हैं, जिनकी बैंक गारंटी जब्त कर ली गई है। एक-एक उद्योग की बैंक गारंटी 2 से 9 लाख तक है। मंडल ने 1 जनवरी 2018 से 30 मई 2019 (17 महीने) तक यह कार्रवाई की।
आबोहवा में घुल रही धूल
नागपुर व आसपास के जिलों की आबोहवा में धूल बहुत तेजी से घुल रही है। जगह-जगह स्टोन क्रशर का काम हो रहा है। स्टोन क्रशर के समय पर्यावरण के जरूरी मानकों को नजरअंदाज किया जाता है। हवा में तेजी से मिलनेवाली धूल के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।
इनकी बैंक गारंटी जब्त
प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इंडोरामा सिंथेटिक (आई) लि. बुटीबोरी, मालू पेपर मिल लि. सावनेर, इरोज इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. बुटीबोरी, यूनिटेक पावर ट्रांसमिशन लि. बुटीबोरी के अलावा उत्तम वैल्यू स्टील लि. भुगांव वर्धा, क्लैरियन ड्रग्स लि. देवरी तुमसर, शालीमार न्यूट्रीएंट प्रा. लि. काटोल, इनोवेटिव टेक्सटाइल प्रा. लि. बुटीबोरी, महालक्ष्मी टीएमटी प्रा. लि. देवली वर्धा, ताल मैन्यूफैक्चरिंग सोल्यूशन लि. मिहान, ट्रांसरेल लाइटिंग लि. देवली वर्धा, ईरा टी एंड लि. उमरेड, आईवीआरसीएल टीएलटी प्रा. लि. बुटीबोरी, अमिताशा इंटरप्राइजेस निलडोह हिंगणा, चनविम इंजीनियरिंग (आई) प्रा. लि. गोंडखैरी नागपुर व टीकेजी इंडस्ट्रिज प्रा. लि. बुटीबोरी की बैंक गारंटी जब्त की।
प्रक्रिया के तहत एक्शन
पर्यावरण को हानि पहुंचाने व प्रदूषण फैलाने पर मंंडल पहले शो कॉज नोटिस देता है। इसके बाद प्रपोज डायरेक्शन व इससे सुधार नहीं होने पर इंटरिम डायरेक्शन दिया जाता है। इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ तो बैंक गारंटी जब्त की जाती है। तत्पश्चात क्लोजर डायरेक्शन दिया जाता है। संबंधित उद्योग से जवाब मांगा जाता है। जवाब से संतुष्ट होने पर ही उद्योग पुन: शुरू करने की अनुमति दी जाती है। क्लोजर डायरेक्शन के बाद उद्योग अस्थायी तौर पर बंद करना पड़ता है। मंडल की अनुमति के बाद ही उद्योग पुन: शुरू किया जा सकता है। 18 उद्योगों की बैंक गारंटी जब्त की गई है और 32 उद्योगों को क्लोजर डायरेक्शन दिया गया है।
- हेमा देशपांडे, सूचना अधिकारी म. प्रदूषण नियंत्रण मंडल नागपुर