बिना चालक के तीन कि.मी. दौड़ गया रेलवे का इंजन
हादसा टला बिना चालक के तीन कि.मी. दौड़ गया रेलवे का इंजन
डिजिटल डेस्क, काटीनगर (गोंदिया) । बालाघाट-गोंदिया रेल मार्ग पर स्थित बिरसोला स्टेशन पर बिरसोला से गोंदिया की ओर जा रही मालगाड़ी के पिछले हिस्से में लगा एक इंजिन कपलिंग टूट जाने के कारण बिना ड्राइवर के वापस बिरसोला स्टेशन की ओर पीछे लौटने लगा। जिससे बिरसोला स्टेशन पर अफरातफरी मच गई थी। घटना की जानकारी मिलते ही बिरसोला के स्टेशन मास्टर ने रेल कर्मियों की सतर्कता व ग्रामीणों की सहायता से इंजिन को सुरक्षित रोक लिया। जिससे कोई बड़ा हादसा होते टल गया। बताया जाता है कि बिना ड्राइवर के यह रेलवे इंजिन लगभग तीन किलोमीटर तक दौड़ता रहा। इस घटना के कारण समनापुर गोंदिया पैसेंजर लगभग दो घंटे देरी से रवाना हो पाई। इस दौरान लंबी दूरी की यात्रा करनेवाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 21 दिसंबर को सुबह 11 बजे के दौरान बिरसोला से गोंदिया की ओर जा रही मालगाड़ी के पीछे की ओर डेड पावर(डब्ल्यूएजी 9 एचसी 32977) लगकर जा रहा था। जो रास्ते में बिरसोला और गात्रा के बीच किमी संख्या 1014/1 के पास पीछे लगा इंजिन कपलिंग टूट जाने से मालगाड़ी से अलग होकर वापस बिरसोला स्टेशन की ओर लौटने लगा। जिसे रोकने का प्रयास सहायक लोको पायलट द्वारा किए जाने के बावजूद जब वह नहीं रुका तो, लाेको पायलट द्वारा इसकी सूचना तत्काल बिरसोला के स्टेशन मास्टर को दी गई। उन्होंने सूचना मिलते ही सभी रेलवे फाटक तुरंत बंद कराकर बिरसोला स्टेशन में लाइन नंबर 3 में पोर्टर ललन यादव, सुशांत डहाट एवं एसएनटी स्टाफ तथा ग्रामीणों की सहायता से इंजिन को सुरक्षित रोक लिया गया। बिरसोला स्टेशन के कर्मचारियों एवं ग्रामीणों की सुजबूझ तथा सहायता के कारण बड़ी दुर्घटना होने से टल गई। इस बीच यात्रियों को जिला परिषद एवं पंचायत समिति चुनाव होने की वजह से अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए अन्य कोई साधन भी उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे।
कैसे खुला कपलिंग, यह जांच का विषय
बिरसोला स्टेशन से मालगाड़ी जब रवाना हुई, तब सबकुछ ठीकठाक था। यहां पर किसी भी प्रकार की मानवीय भूल नहीं हुई। रास्ते में अचानक मालगाडी का कपलिंग कैसे खुला? इस विषय में मैं कुछ नहीं कह सकता। यह जांच का विषय है एवं उसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। - परमहंस कुमार सिंह, स्टेशन मास्टर, बिरसोला