चंद्रपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में शुरू हुए 150 ग्रंथालय
शिक्षा पर जोर चंद्रपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में शुरू हुए 150 ग्रंथालय
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। शहर में ग्रंथालय है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त ग्रंथालय नहीं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पठन संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिले में पंचायत विभाग की पहल पर 150 पुस्तकालय बनाए गए। पढ़ने से ज्ञान बढ़ता है। पुस्तकालय सामाजिक जीवन का एक अभिन्न अंग हैं और नि:शुल्क ग्रंथालय मिलना यह प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है। समग्र विकास के लिए ‘वाचाल तर, वाचाल’ यह संदेश ध्यान में रखते हुए हर गांव-गांव में ग्रंथालय बनाए गए। यह अभिनव पहल जिला परिषद, पंचायत विभाग और शिक्षा विभाग की संयुक्त कार्रवाई से क्रियान्वित की जा रही है। पुस्तकालय बनाने के आंदोलन को जारी रखने के उद्देश्य से जिले के 15 तहसील में 10-10 अनुसार 150 ग्रंथालय शुरू किए गए हैं। अगले चरण में समाज कल्याण विभाग की पहल पर 45 ग्रंथालय बनाए जाएंगे। इस ग्रंथालय की खास बात यह है कि हर गांव में अनुपयोगी सरकारी भवनों का जीर्णोद्धार कर ग्रंथालय के लिए सौंदर्यीकरण किया गया है।
पंचायत विभाग के माध्यम से ग्रंथालय के लिए भवनों की मरम्मत, रंग रोगन आदि के लिए आवश्यक प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जिला स्तर पर 15वें वित्त आयोग के राशि से 1 करोड़ 50 लाख रुपए आवंटित किए गए हैं। साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवश्यक पुस्तकों, पूरक पठन पुस्तकों, बच्चों की पुस्तकों आदि के लिए ग्रंथालय में 35 लाख रुपए का वित्तीय प्रावधान किया गया है। इस ग्रंथालय में सामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञ, अधिकारी, स्वयं सेवी संगठन बच्चों के लिए मार्गदर्शन की व्यवस्था करेंगे। इन ग्रंथालय को स्थायी बनाने और जनभागीदारी बढ़ाने के लिए ग्रंथालय के प्रबंधन के लिए विद्यार्थियों की एक समिति गठित की जाएगी। ग्रंथालय के नियम, समय, पुस्तक प्रविष्टि आदि का दायित्व विद्यार्थी समिति के माध्यम से वहन किया जाएगा। ग्रंथालय ग्राम शिक्षकों, समूह विकास अधिकारियों के मार्गदर्शन में चल रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को सुविधा उपलब्ध करवाने की पहल
आज का युग प्रतिस्पर्धा का युग है। ग्रामीण युवा कई प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इन बच्चों के पास पढ़ने के लिए सही जगह नहीं है, इसलिए पुस्तकालय बनाना और ग्रामीण पुस्तकालयों को मजबूत करना आवश्यक है। गांवों में पढ़ने के लिए एक सही मंच प्रदान करना, गांव में अध्ययन का माहौल बनाना, भविष्य के शोधकर्ताओं, पाठकों, अधिकारियों और आदर्श नागरिकों का निर्माण करना इसी उद्देश्य से यह अभिनव पहल शुरू की गई है। - विवेक जॉनसन, जिप मुख्य कार्यकारी अधिकारी