महाराष्ट्र के 128 पीएचडी शोधार्थी भी उठा चुके हैं लाभ
विश्वेश्वरैया योजना महाराष्ट्र के 128 पीएचडी शोधार्थी भी उठा चुके हैं लाभ
अजीत कुमार, नई दिल्ली । केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की प्रतिष्ठित ‘विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना’ के अंतर्गत पूरे देश में अब तक 1,423 पीएचडी शोधार्थियों को मदद उपलब्ध कराई गई है। इस योजना का सबसे बड़ा लाभार्थी दिल्ली है, जहां के 207 पीएचडी शोधार्थियों को सहायता मिल चुकी है। लाभार्थियों के लिहाज से तमिलनाडु (149) दूसरे नंबर पर और महाराष्ट्र (128) तीसरे नंबर पर है।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मुताबिक विश्वेश्वरैया योजना के पहले चरण (वर्ष 2014-2023) के तहत देश के 25 राज्यों और 4 संघ राज्य क्षेत्रों के 97 संस्थानों में कुल 1,090 पूर्णकालिक और 333 अंशकालिक पीएचडी शोधार्थियों को सहायता उपलब्ध कराई गई है। सरकार ने योजना के प्रथम चरण के लिए 466 करोड़ रूपये आबंटित किए थे।
दूसरे चरण में 1,425 शोधार्थियों को मिलेगी मदद
मोदी सरकार ने सितंबर 2021 में विश्वेश्वरैया योजना के दूसरे चरण को भी अनुमोदित कर दिया है। इसका मकसद 9 साल की अवधि के लिए 1,000 पूर्णकालिक पीएचडी शोधार्थियों, 150 अंशकालिक पीएचडी शोधार्थियों, 50 युवा संकाय अनुसंधान फैलोशिप और 225 पोस्ट-डॉक्टरल फैलोशिप की सहायता उपलब्ध कराना है। दूसरे चरण को कामयाब बनाने के लिए 481.93 करोड़ रूपये का बजट स्वीकृत हुआ है।