दुष्कर्मी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास

नाबालिग के  दुष्कर्मी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास

Bhaskar Hindi
Update: 2022-01-05 11:07 GMT
 दुष्कर्मी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास

डिजिटल डेस्क, अकोला  | एक नाबालिग के साथ अनैसर्गिक दुष्कर्म करने वाले आरोपी को न्यायालय ने अलग अलग धाराओं में दोषी मानते हुए 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा तथा 1 लाख 60 हजार रूपए का जुर्माना अदा करने के आदेश दिए। जुर्माने का भुगतान न करने पर आरोपी को अतिरिक्त 6 माह की सजा भुगतनी होगी। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मूर्तिजापुर पुलिस थाने में 14 जुलाई 2019 को एक नाबालिग ने शिकायत दर्ज कराई थी कि वडाली देशमुख निवासी 55 वर्षीय पंजाबराव तानुजी राठोड ने उसके साथ अनैसर्गिक दुष्कर्म किया। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 377, पोस्कों के तहत अपराध दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।

महिला पुलिस उपनिरीक्षक संगीता गावंडे ने घटना की जांच कर दोषारोप पत्र न्यायालय में पेश किया। उक्त अभियोग की सुनवाई न्यायमूति पिंपलकर के न्यायालय में हुई। सरकार पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता के बी खोत की दलील तथा पेश किए गए सबूतों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दोषी मानते हुए धारा 377 में 10 साल सश्रम कारावास 50 हजार रूपए जुर्माना, पोस्को की धारा में 10 साल कारावास 50 हजार रूपए जुर्माना पोस्को की धारा 12 में 3 वर्ष कारावास 10 हजार रूपए, धारा क ड (एल) में 10 साल कारावास व 50 हजार रूपए जुर्माना समेत 1 लाख 60 हजार रूपए अदा करन के आदेश दिए। जुर्माने की राशि का भुगतान न करने पर आरोपी को अतिरिक्त 6 माह की सजा भुगतनी होगी।  मूर्तिजापुर पुलिस के कोर्ट पैरवी अधिकारी के रूप में संजय भारसाकले, सीएमएस विभाग  के प्रवीण पाटील ने काम संभाला ।

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