मुरखला परिसर के 10 गांव प्यासे , जलापूर्ति योजनाएं पड़ गईं बंद
गड़चिरोली मुरखला परिसर के 10 गांव प्यासे , जलापूर्ति योजनाएं पड़ गईं बंद
डिजिटल डेस्क, चामोर्शी (गड़चिरोली)। तहसील के मुरखला परिसर के 10 गांवों में जलापूर्ति योजना होने के बावजूद यह गांव मार्च महीने से प्यासे हैं। प्यासे गांवों की प्यास बुझाने के लिए जनप्रतिनिधी व प्रशासन को आगे आने अपील नागरिकों ने की है। चामोर्शी तहसील के कान्होली गांव में लाखों रुपये खर्च कर जलापूर्ति योजना क्रियान्वित की गई। इसके लिए जलकुंभ का निर्माण किया गया। जिससे गांव में नल कनेक्शन के माध्यम से घर-घर में पानी पहुंचने लगा।
ग्रामीणों में घर तक जलापूर्ति होने की खुशी थी किंतु यह खुशी अधिक देर तक टिक नहीं पायी। बीते अनेक दिनों से जलापूर्ति योजना बंद है। जलापूर्ति योजना को नवसंजीवनी देने के लिए निधि उपलब्ध कराने की जरूरत व्यक्त की जा रही है। चाकलपेठ इस 7 सदस्य संख्या गांव में 4 से 5 वर्ष पूर्व जलापूर्ति योजना शुरू की गई। इसके लिए नवेगांव माल, सगणापुर गांव की ओर जानेवाले नाले पर जलापूर्ति योजना के कुएं का निर्माण किया गया। गांव में पानी आने लगा। जिससे गांव के नागरिकों के चेहरे खुशी से खिल उठे थे। किंतु जलापूर्ति योजना की पाइप लाइन हमेशा लीकेज होती है। ग्रापं प्रशासन ने अपने स्तर पर अनेक बार प्रयास किए, किंतु कोई लाभ नहीं हुआ जिससे जलापूर्ति योजना बिते कुछ माह से बंद अवस्था में है।
कलमगाव गुट ग्रामपंचायत अंतर्गत आने वाले एकोडी गांव में बीते वर्ष जलकुंभ का निर्माण किया गया। गांव में जलकुंभ दिखाई देता है। किंतु अबतक जलापूर्ति शरु नहीं हुई है। कुछ तकनीकी कारणों के चलते जलापूर्ति करने में कुछ दिक्कतें निर्माण होने की बात कहीं जा रही है। ग्राम पंचायत पदाधिकारी इसे लेकर गंभीर नहीं होने से जलकुंभ अब केवल शोपीस नजर आ रहा है। मुरखला माल इस गांव में जलापूर्ति योजना को लेकर टालमटोल शुरू है। गांव की पाइप लाइन सदोष होने से कुछ क्षेत्र में आवश्यक पानी मिलता है। कहीं एक घड़ा पानी पर ही समाधान मानना पड़ता है। सदोष पाइप लाइन की मरम्मत करने की आवश्यकता है। पानी की दिक्कतें दूर करने कके लिए गांव में अनेक लोगों ने बोरवेल करवाया है। नवेगांव माल के जलापूर्ति कुएं पर लगाई गई पाइप लाइन लीकेज होने के कारण उल्टा पानी कुएं में गिरता है। वहीं कुछ लोग जलापूर्ति कुएं से बाल्टी से पानी निकालते दिखाई देते हैं। इस ओर ग्राम पंचायत की अनदेखी हो रही है।