मंडला में आदिवासी ही सब कुछ, जीजीपी बढ़ाएगी कांग्रेस बीजेपी की टेंशन
- मंडला में तीन विधानसभा सीट
- जीजीपी दे सकती है टक्कर
- एसटी वोटर्स अहम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मंडला जिले में तीन विधानसभा सीट बिछिया, निवास,मंडला आती है। तीनों ही सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। 2018 में कांग्रेस से यहां दो विधायक निर्वाचित हुए थे। सभी सीटों पर अनुसूचित जनजाति वर्ग का वोटर्स ही निर्णायक भूमिका में होता है। एसटी में भी जाति की बात की जाए तो गोंड जाति सबसे अधिक है। जिले की राजनीति में फग्गन सिंह कुलस्ते का दबदबा है। इसे लेकर कुलस्ते ने कई मौकों पर प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने की अपील अपनी पार्टी से की है। राष्ट्रीय स्तर पर कुलस्ते बीजेपी के कद्दावर नेता है।
जिला अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है। यह गोंड, बैगा और ओरांव जनजातियों सहित कई जनजातियों का घर है। जिले के प्रमुख आकर्षणों में से एक कान्हा राष्ट्रीय उद्यान है, जो भारत के सबसे बड़े और सबसे प्रसिद्ध बाघ अभयारण्यों में से एक है, जो बाघ, तेंदुए, स्लॉथ भालू , हिरण, बारासिंघा और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों सहित अपने विविध वन्य जीवन के लिए प्रसिद्ध है, हस्तशिल्प और आदिवासी कला भी जिले में महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधियाँ हैं।
पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य यहां की प्रमुख समस्या है। किसानों को सिंचाई के लिए पानी और फसल के उचित दाम नहीं मिलने से नाराजगी है। प्रदेश में आदिवासियों के साथ हुए अन्याय अत्याचार के मामलों को लेकर काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है।
बिछिया विधानसभा सीट
बिछिया विधानसभा सीट पर बीजेपी, जीजीपी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलता है।
2018 में कांग्रेस से नारायण सिंह पट्टा
2013 में बीजेपी से पंडित सिंह धुर्वे
2008 में कांग्रेस को नारायण सिंह पट्टा
निवास विधानसभा सीट
निवास विधानसभा सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है।
2018 में कांग्रेस से डॉ अशोक मर्सकोले
2013 में बीजेपी से रामप्यारे कुलस्ते
2008 में बीजेपी से रामप्यारे कुलस्ते
2003 में बीजेपी से रामप्यारे कुलस्ते
1998 में कांग्रेस से सूरत सिंह मरावी
1993 में कांग्रेस से दयाल सिंह तुमराची
1990 में बीजेपी से फग्गन सिंह कुलस्ते
1985 में कांग्रेस से दयाल सिंह तुमराची
1980 में कांग्रेस से दलपत सिंह उइके
1977 में जेएनपी से रूप सिंह
मंडला विधानसभा सीट
2018 में बीजेपी से देवी सिंह सैय्यम
2013 में कांग्रेस से संजीव उइके
2008 में बीजेपी से देव सिंह सैय्यम
2003 में बीजेपी से शिवराज शाह
1998 में कांग्रेस से देवेंद्र टेकम
1993 में कांग्रेस से छोटेलाल उइके
1990 में कांग्रेस से छोटेलाल उइके
1985 में कांग्रेस से हिम्मत सिंह
1980 में कांग्रेस से मोहन लाल