पटवारी मर्डर: संजय गांधी टाइगर रिजर्व के अफसरों ने भी रोया ‘असहयोग’ का रोना
- रेत माफियाओं पर शिकंजा कसने रणनीति
- शहडोल कलेक्टर के निशाने पर अभ्यारण्य प्रबंधन
- सरकारी अफसरों से मारपीट के नये मामले का हुआ खुलासा
डिजिटल डेस्क,सीधी। मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के व्यौहारी में पटवारी की हत्या के बाद सोमवार को संजय टाईगर रिजर्व के अधिकाररियों के बीच लंबी बैठक चली, जिसमें रेत माफियाओं पर शिकंजा कसने रणनीति बनाई गई। गौरतलब है कि जिस स्थान से रेत का अवैध उत्खनन हो रहा था, वह संजय टाइगर रिजर्व का सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य क्षेत्र है। इसी मामले में शहडोल कलेक्टर के निशाने पर अभ्यारण्य प्रबंधन रहा। इस सबको लेकर टाइगर रिजर्व के संयुक्त संचालक हरिओम शर्मा से बात की तो उन्होंने प्रबंधन द्वारा रेत माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्यवाही की बात कही। साथ ही यह भी कहा कि अन्य महकमों का समुचित सहयोग नहीं मिलने के कारण प्रभावी कार्यवाही नहीं हो पाती है। श्री शर्मा के अनुसार,टाइगर रिजर्व के210 किलोमीटर के एरिया का चार जिलों तक विस्तार है। सुरक्षा की दृष्टि से हमने संवेदनशील क्षेत्रों में कैम्प भी लगाए लेकिन स्थानीय लोगों तथा रेत माफिया द्वारा मारपीट की घटना अंजाम दिए जाने के बाद इन्हें बंद करना पड़ा। टाइगर रिजर्व के अफसरों का दो टूक कहना रहा कि जब तक संबंधित दूसरे विभागों से सहयोग नहीं मिलेगा रेत के अवैध उत्खनन अथवा परिवहन की घटनाओं को रोका नहीं जा सकता।
सरकारी अफसरों से मारपीट के नये मामले का हुआ खुलासा
संजय टाईगर रिजर्व के अधिकारियों से चर्चा दौरान तीनों जिलों की सीमा पर सक्रिय रेत माफिया द्वारा टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों-अधिकारियों से चार दिन पहले मारपीट करने तथा वाहन में तोडफ़ोड़ किये जाने का खुलासा हुआ है। अधिकारियों के अनुसार चार दिन पहले रेत माफियाओं द्वारा निरीक्षण पर निकले कर्मचारियों साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया।कुछ लोगों को चोटे भी आई जिनका इलाज चल रहा है। यही नहीं जिस वाहन पर ये निरीक्षण के लिए निकले थे, उसे भी तोड़-फोड़ दिया गया। अधिकारियों के अनुसार कुछ आरोपियों के खिलाफ शहडोल के देवलोंद थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई, किन्तु अभी तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है। इधर देवलोंद थाना के टीआई शर्मा ने टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके द्वारा रेत के खनन व परिवहन में लिप्त 2 ट्रैक्टर थाने में खड़े कराए गए थे। अधिकारियों-कर्मचारियों से मारपीट की कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई गई है।