लाखों पीईटी आवेदकों के लिए परिवहन के इंतजाम नाकाफी, रेलवे व बस स्टेशनों पर हंगामा
उत्तरप्रदेश लाखों पीईटी आवेदकों के लिए परिवहन के इंतजाम नाकाफी, रेलवे व बस स्टेशनों पर हंगामा
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश अवर सेवा चयन आयोग की प्रारंभिक पात्रता परीक्षा (पीईटी) में शामिल होने वालों के लिए अपर्याप्त परिवहन व्यवस्था के कारण रेलवे और बस स्टेशनों पर अफरातफरी मच गई। उम्मीदवारों को अपने घर लौटने के लिए बस और ट्रेन नहीं मिली और उनमें से अधिकांश ने सड़कों पर रात बिताई। रविवार को संपन्न हुई दो दिवसीय परीक्षा के लिए राज्यभर से 35 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था। सोशल मीडिया ऐसे दृश्यों से भरा पड़ा है, जिसमें ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रहे उम्मीदवारों से भरे प्लेटफॉर्म दिखाई दे रहे हैं। बसों के अंदर जगह खोजने की कोशिश कर रहे छात्रों से बस स्टैंड भी खचाखच भरे थे। कुछ को खिड़कियों से लटकते देखा जा सकता है।
इसी तरह के दृश्य हापुड़ रेलवे स्टेशन पर पत्रकारों द्वारा ली गईं तस्वीरों में में भी दिखे। नाराज छात्रों का सवाल है कि परीक्षा केंद्र इतनी दूर क्यों रखे गए? और अगर ऐसा जरूरी था, तो पर्याप्त व्यवस्था क्यों नहीं की गई। 6.29 लाख से अधिक उम्मीदवारों- कुल में से लगभग 34 प्रतिशत ने पीईटी लिखित परीक्षा छोड़ दी, जो दो दिनों - शनिवार और रविवार को आयोजित की गई थी और इसका कारण मुख्य रूप से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए अपर्याप्त परिवहन सुविधाएं थीं।
यूपी के परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने रविवार को बरेली बस स्टैंड पर उम्मीदवारों से बात की और पर्याप्त बसें उपलब्ध कराने का वादा किया। कई विपक्षी नेताओं ने वीडियो और तस्वीरें ट्वीट करते हुए कहा है कि यूपी सरकार उम्मीदवारों के सामने आने वाली अराजकता और कठिनाइयों के लिए जिम्मेदार है।
इस बीच, सरकार ने दावा किया है कि सोशल मीडिया पर प्रसारित और विपक्षी नेताओं द्वारा ट्वीट किए जा रहे कई वीडियो फर्जी हैं और परीक्षार्थियों के लिए अतिरिक्त ट्रेनों और बसों की व्यवस्था की जा रही है। पीईटी एक क्वालीफाइंग परीक्षा है, जहां एक अंक उम्मीदवार को राज्य में ग्रुप सी सरकारी नौकरियों के लिए भविष्य की भर्ती परीक्षा में बैठने में सक्षम बनाता है।
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