सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, लिखा- विपक्ष को अडानी, बजट और बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाने से रोका गया

सरकार से सवाल सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, लिखा- विपक्ष को अडानी, बजट और बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाने से रोका गया

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-11 04:14 GMT
सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, लिखा- विपक्ष को अडानी, बजट और बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाने से रोका गया

डिजिटल डेस्क, दिल्ली।  कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार फिर से बीजेपी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। सोनिया ने सरकार के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी पर भी सवाल उठाया है। सोनिया गांधी कहा कि थोपी गई चुप्पी से देश की परेशानियों का हल नहीं होगा। सोनिया गांधी ने एक समाचार पत्र में लिखे लेख में कहा भारत के लोगों ने सीख लिया है कि जब आज की स्थिति को समझने की बात आती है तो पीएम नरेंद्र मोदी की हरकतें उनके शब्दों से अधिक जोर से बोलती है। 

सोनिया गांधी ने बीते महीनों का  जिक्र करते हुए लिखा कि हमने देखा कि पीएम और उनकी सरकार लोकतंत्र के सभी तीन स्तंभों विधायिका,न्यायपालिका और कार्यपालिका को ध्वस्त कर रही है। अपने लेख में सोनिया गांधी ने संसद में हुई घटनाओं के बारे में लिखा पिछले सत्र हमने सरकारी रणनीति को देखा, जिसके तहत विपक्ष को बजट, अडानी, बेरोजगारी, सामाजिक विभाजन जैसे मुंद्दों को उठाने से रोका गया। 

एजेंसियों का दुरूपयोग 
सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर सरकारी जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया है। सोनिया ने लिखा 95 प्रतिशत राजनीतिक मामले सिर्फ विपक्षी नेताओं के ऊपर  ही दायर किए गए हैं। उन्होंने बीजेपी पर शामिल होने वाले नेताओं का  जिक्र  करते हुए लिखा जो लोग बीजेपी में शामिल हो  जाते हैं उनके खिलाफ केस चमत्कारिक रूप से गायब हो गए। 

सोनिया गांधी ने लिखा है कि सरकार विपक्ष के विरोध का सामना करने के लिए कई उपायों का सहारा ले रही हैं। जिसमें चर्चा को रोकना,संसद सदस्यों पर हमला करना,भाषणों को हटाना,कांग्रेस के एक सांसद को जल्दबाजी में अयोग्य करार दे दिया गया। सोनिया ने आगे लिखा इसका नतीजा यह हुआ कि लोगों के 45 लाख करोड़ का बजट बिना किसी बहस के पास कर दिया गया। 

सोनिया ने अपने लेख में सुरक्षा से जुड़े सवाल उठाते हुए लिखा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बने कानूनों का दुरूपयोग किया जा रहा है। प्रधानमंत्री सच्चाई और न्याय को लेकर दिखावटी बयान देते हैं। यही नहीं पीएम के चुने हुए व्यवसायियों के वित्तीय धोखाधड़ी मामलों के आरोपों पर भी ध्यान नहीं दिया जाता है। 


 

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