SC कमेटी के चारों सदस्य कृषि कानूनों के समर्थक!, राहुल गांधी बोले- क्या न्याय की उम्मीद की जा सकती है?
SC कमेटी के चारों सदस्य कृषि कानूनों के समर्थक!, राहुल गांधी बोले- क्या न्याय की उम्मीद की जा सकती है?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गठित कमेटी पर किसान समेत तमाम विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं। दरअसल, इन लोगों को कमेटी में शामिल सदस्यों को लेकर आपत्ति है। विपक्षी दलों और किसान नेताओं का कहना है कि SC कमेटी के चारों सदस्य कृषि कानूनों के समर्थक है। ऐसे में न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कमेटी पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया।
राहुल गांधी ने कहा, क्या कृषि-विरोधी क़ानूनों का लिखित समर्थन करने वाले व्यक्तियों से न्याय की उम्मीद की जा सकती है? ये संघर्ष किसान-मज़दूर विरोधी क़ानूनों के ख़त्म होने तक जारी रहेगा। जय जवान, जय किसान! इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, आज सुप्रीम कोर्ट ने 4 सदस्य कमेटी भी बनाई और कहा कि यह कमेटी किसानों से वार्तालाप भी करेगी। जो कमेटी बनाई उसका हमने अध्ययन करने का प्रयास किया और वो काफी चौंकाने वाला है, काफी अजीबो-गरीब है।
सुरजेवाला ने कहा, हमने यह पाया कि कमेटी के जो चारों सदस्य हैं उन्होंने तो पहले से ही सार्वजनिक तौर से यह निर्णय कर रखा है और यह बात कही है कि "यह तीनों काले कानून सही हैं। किसानों से तीन काले कानून खत्म करने वाली कमेटी के सदस्य ने पहले ही यह कह दिया कि कि यह तीनों काले कानून सही हैं और किसान गलत हैं, भटके हुए हैं। तो ऐसी कमेटी किसानों के साथ न्याय कैसे करेगी? यह प्रश्न हमारे जहन में अवश्य उठता है।
सुरजेवाला ने कहा, कमेटी के जो चारों सदस्य हैं वह पहले से ही मोदी जी के साथ खड़े हैं, काले कानूनों के साथ खड़े हैं। खेत और खलिहान की मोदी जी की साजिश के साथ खड़े हैं तो यह कमेटी किसानों से न्याय कैसे करेगी? या कैसे कर सकती है? और इसका नतीजा क्या निकलेगा? हमें नहीं मालूम कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के सामने यह तथ्य किसी वकील ने रखे भी या नहीं, क्योंकि जो आंदोलनकारी किसान बॉर्डर पर बैठे हैं वह तो सुप्रीम कोर्ट गए ही नहीं। तो सुप्रीम कोर्ट कौन गया? सुप्रीम कोर्ट यही संगठन गया हुआ है।