हार्दिक पटेल को जोड़कर भी बीजेपी को नहीं मिला फायदा! गुजरात के पाटीदार समाज ने अब 'नरेंद्र मोदी' का नाम बदलने की मांग कर डाली, जल्द करेंगे नया आंदोलन
पाटीदार बढ़ाएंगे मुश्किल! हार्दिक पटेल को जोड़कर भी बीजेपी को नहीं मिला फायदा! गुजरात के पाटीदार समाज ने अब 'नरेंद्र मोदी' का नाम बदलने की मांग कर डाली, जल्द करेंगे नया आंदोलन
डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। गुजरात में विधानसभा चुनाव जैसे -जैसे नजदीक आ रहे है कुछ न कुछ नया देखने को मिल रहा है। हाल ही में बीजेपी के धुर विरोधी रहे हार्दिक पटेल ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी। इसके बाद कयास लग रहे थे कि बीजेपी को पाटीदार समाज का फायदा आने वाले विधान सभा चुनाव में मिलेगा। लेकिन ऐसा दिखाई नहीं दे रहा है क्योंकि जिस पाटीदार समुदाय से हार्दिक आते हैं उसी समुदाय ने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम बदलने की मांग सरकार से कर दी है। यही नही स्टेडियम के नाम को बदलने के लिए पाटीदार समुदाय ने बड़ा आंदोलन करने की तैयारी कर ली है जो बीजेपी सरकार की मुसीबतों को बढ़ा सकते हैं।
बता दें इस आंदोलन में खास बात यह है कि इस आंदोलन को उस ग्रुप उस भी समर्थन मिला है जिसका नेतृत्व 2015 में हार्दिक पटेल ने किया था और उस समय पाटीदार आरक्षण की मांग की थी।जिसका असर उस समय पूरे गुजरात में था। लेकिन अब हार्दिक पटेल बीजेपी में शामिल हो चुके है।
पाटीदार समाज का नया आंदोलन
नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम बदलकर सरदार वल्लभभाई पटेल रखने की मांग को लेकर सभी पाटीदार नेता और संगठन एक हो गए है। इस मांग को लेकर एक संगठन बनाया गया है। जिसका नाम सरदार सम्मान संकल्प आंदोलन समिति रखा गया है। इसी संगठन के बैनर तले इस मांग को पूरा करने के लिए गुजरात के कई जगहों पर यात्राएं निकाली जाएगी। जिसको सरदार सम्मान संकल्प यात्रा का नाम दिया गया है। इस आंदोलन की खास बात यह है कि यह पूरी तरह से अराजनीतिक होगा इसमें किसी भी पार्टी नेताओं और पार्टी के बैनर का इस्तेमाल नही किया जाएगा।
स्टेडियम के सामने होगा प्रदर्शन
बता दें रविवार को इस यात्रा की शुरूआत सूरत के बारदोलोई में स्थित स्वराज आश्रम से होगी जो अहमदाबाद तक जाएगी। बताया जा रहा है कि सोमवार शाम को यात्रा में शामिल लोगों का समूह अहमदाबाद पंहुचेगा। और स्टेडियम के गेट नंबर-1 के पास प्रदर्शन करेगा। माना जा रहा है कि गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सरकार के लिए यह आंदोलन नयी मुसीबत खड़ी कर सकता है जिसका असर चुनावों में दिखने को मिल सकता है।
इस मुद्दे को लेकर पाटीदार नेता अतुल पटेल का कहना है कि सरकार अगर स्टेडियम का नाम नहीं बदलती है तो विरोध हम और भी तेज विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार तानाशाही है चुनाव के समय सरकार ने पहले सरदार पटेल की प्रतिमा बनाई और चुनाव के बाद में स्टेडियम का नाम बदल दिया। सरकार सरदार पटेल के नाम का गलत इस्तेमाल कर रही है जिसकी अनुमति हम नही देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी प्रतिष्ठा वापस दी जाए। इसलिए हमारा नारा है सरदार का कर्ज चुकाना है, सम्मान वापस दिलाना है।
विधानसभा चुनाव में अहम है पाटीदार समुदाय
गुजरात चुनाव में पाटीदार समुदाय हमेशा ही अहम रहा है। यह समुदाय खुद को भगवान राम का वंशज बताता है। एक रिपोर्ट के अनुसार गुजरात में पाटीदारों की संख्या लगभग15 प्रतिशत है। आपको बता दें बीजेपी ने पाटीदार समुदाय को साधने के लिए ही विजय रूपाणी को हटाकर भूपेंद्र पटेल को गुजरात सरकार की कमान सौंपी है। यही नही 2015 में किये गए पाटीदार आरक्षण आंदोलन के संबंध में दर्ज 10 मामलों को वापस लिया गया था। गुजरात में कुल 182 विधानसभा सीटें है जिसमें से लगभग 70 सीटों पर इस समुदाय का प्रभाव है। अब देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस आंदोलन से कैसे निपटती है।