दिल्ली हाईकोर्ट ने जांच एजेंसी को भेजा नोटिस, मांगा जवाब
एनएसई फोन टैपिंग दिल्ली हाईकोर्ट ने जांच एजेंसी को भेजा नोटिस, मांगा जवाब
- एनएसई फोन टैपिंग : दिल्ली हाईकोर्ट ने जांच एजेंसी को भेजा नोटिस
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे की जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया। उन्हें 2009 और 2017 के बीच नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के कर्मचारियों की फोन टैपिंग और जासूसी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस जसमीत सिंह ने संजय पांडे द्वारा दायर एक अलग याचिका में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को एक नोटिस भी जारी किया।
पांडे ने कोर्ट से सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत धोखाधड़ी, एक लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत धोखाधड़ी के अपराधों में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग की थी।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पेश हुए।
मामले की सुनवाई 16 सितंबर को होगी।
पांडे ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में निचली अदालत के 4 अगस्त के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी, जिसे 19 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था, मौजूदा समय में न्यायिक हिरासत में है।
पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता तनवीर अहमद मीर ने तर्क दिया कि उनका मुवक्किल वास्तव में एनएसई में एक मुखबिर था।
जमानत याचिका का विरोध करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी. राजू और विशेष लोक अभियोजक एन.के. ईडी की ओर से पेश हुए मट्टा ने कहा कि पांडे एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर जांच एजेंसी ने मामला दर्ज किया था।
इससे पहले सीबीआई ने पांडे का बयान सीबीआई के मुंबई स्थित मुख्यालय में दर्ज किया था। पूछताछ के बाद उन्हें जाने दिया गया।
सीबीआई ने मामले के सिलसिले में मुंबई, पुणे और देश के कई अन्य हिस्सों में भी छापेमारी की थी।
(आईएएनएस)
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