सरकार के साथ चल रही वर्ता का एनएससीएन-आईएम कर रहा प्रचार

मणिपुर विधानसभा चुनाव 2022 सरकार के साथ चल रही वर्ता का एनएससीएन-आईएम कर रहा प्रचार

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-15 19:30 GMT
सरकार के साथ चल रही वर्ता का एनएससीएन-आईएम कर रहा प्रचार
हाईलाइट
  • भारत-नागा राजनीतिक वार्ता

डिजिटल डेस्क, इंफाल। मणिपुर विधानसभा चुनाव फरवरी-मार्च में होने के मद्देनजर एनएससीएन-आईएम ने राज्य के नगा बहुल इलाकों में लोगों को 2015 फ्रेमवर्क समझौते के संदर्भ में केंद्र के साथ चल रही बातचीत के महत्व को समझाने के लिए एक अभियान चलाया है। नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालिम-इसाक-मुइवा गुट ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि उसके केंद्रीय प्रशासनिक अधिकारी डी.जी. रॉबर्ट अभियान की अगुवाई कर रहे हैं। बयान में कहा गया, लोगों ने 3 अगस्त, 2015 के फ्रेमवर्क समझौते के आधार पर चल रही भारत-नगा राजनीतिक वार्ता को अपना पूरा समर्थन दिया।

रॉबर्ट ने मणिपुर के सेनापति जिले के तहमजान में हाल ही में एक बैठक को संबोधित करते हुए सतर्क रहने के महत्वपूर्ण महत्व पर जोर दिया, कहीं ऐसा न हो कि लोग बेईमान तत्वों और एजेंटों द्वारा केवल राजनीति के लिए फंस जाएं और लोगों से अपील की कि वे नगाओं के अधिकारों से कभी समझौता न करें। उन्होंने इस बात पर भी जोर देने की कोशिश की कि केंद्र सरकार के साथ नगा राजनीतिक वार्ता सही रास्ते पर चल रही है और जल्द ही इसका नतीजा निकलेगा।

बैठक ने सर्वसम्मति से घोषणा को स्वीकार किया और एनएससीएन-आईएम और केंद्र दोनों से अपील की कि नागा राष्ट्रीय ध्वज और नागा संविधान (येहजाबो) सहित फ्रेमवर्क समझौते के आधार पर नागा शांति प्रक्रिया में तेजी लाई जाए और समाधान समावेशी होना चाहिए। बयान में कहा गया है, नागा इतिहास की विशिष्टता के आधार पर नागा लोगों के लिए सम्माननीय और स्वीकार्य। हालांकि केंद्र सरकार इससे पहले अलग झंडा और संविधान की मांग को खारिज कर चुकी है।

ग्रेटर नगालिम या असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश के साथ-साथ म्यांमार के नागा-आबादी क्षेत्रों का एकीकरण, एनएससीएन-आईएम की मुख्य मांगों में से एक रहा है, लेकिन तीन पूर्वोत्तर राज्यों में इसका कड़ा विरोध हुआ है। केंद्र सरकार एनएससीएन-आईएम और आठ अन्य नगा संगठनों के साथ अलग से शांति वार्ता कर रही है, जो कुछ साल पहले नागा नेशनल पॉलिटिकल ग्रुप्स (एनएनपीजी) के बैनर तले एक साथ आए थे। एनएससीएन-आईएम और अन्य संगठनों ने 1997 में केंद्र के साथ युद्धविराम समझौता किया और उसके बाद के वर्षों में 85 से अधिक दौर की राजनीतिक बातचीत की।

 

(आईएएनएस)

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